खरोरा। तहसील इलाके के गांवों में लगातार हेपेटाइटिस-सी के मरीज बढ़ रहे हैं। नगर पंचायत खरोरा के कई वार्ड भी हेपेटाइटिस-सी मरीजों का गढ़ बन चुका है। यह बीमारी वायरस जन्य है, जो लीवर को सिरोसिस कर खराब करती है। डॉक्टरों की माने तो जब इस बीमारी का पता चलता है, तब तक लीवर हद तक डेमेज हो चुके होते हैं। ऐसे में खून की जांच कर इसका पता लगाया जा सकता है। नगर के अस्पतालों में आने वाले इलाके के हर तीसरे मरीज में हेपेटाइटिस-सी डिटेक्ट हो रहे हैं। ऐसे में यह स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है।
क्षेत्र में हेपेटाइटिस-सी के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में अब मरीज को पहले हेपेटाइटिस-सी जांच की सलाह दी जा रही है, जिससे यह वायरल खून या अन्य माध्यमों से दूसरों तक न फैले। श्री कृष्णा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर सूर्य प्रकाश साहू की माने तो उनके हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों में ज्यादातर हेपेटाइटिस-सी से संक्रमित हैं, जिन्हें इसके बारे में पता ही नहीं। ऐसे में न जाने वह मरीज कितनों को संक्रमित कर चुका होगा। यह आगे चलकर खतरनाक साबित हो सकता है।
इन्ही सारी चिंताओं के साथ नगर के डॉक्टर्स और पत्रकारों सहित जनप्रतिनिधियों ने मिलकर यह जनजागरूकता रैली आयोजित की, जो नगर भ्रमण कर लोगों में हेपेटाइटिस-सी के प्रति जागरूकता की शुरुआत है।
डॉक्टर सूर्य प्रकाश साहू ने लोगों ने अपील कर कहा कि खुद और अपने परिजनों के लिये हेपेटाइटिस-सी को गम्भीरता से देखे और समय रहते जांच व इलाज जरूर ले, सरकार को भी इसके रोकथाम के लिए आगे आना होगा। यह राहत की बात है कि हेपेटाइटिस-सी के इलाज को शासन ने सस्ता किया है। IBC24 से गजेंद्र रथ वर्मा की रिपोर्ट
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