Gariyaband Naxal Encounter Update

CG Ki Baat: बंदूकें हारी.. आतंक अस्त, जोश हाई.. हमला जबरदस्त

CG Naxal News: नक्सलियों के लगाए IED ब्लास्ट में 9 जवानों की शहादत से लगे झटके के बाद बस्तर में फोर्स जबरदस्त एक्शन में हैं।

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Modified Date: January 21, 2025 / 10:28 PM IST
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Published Date: January 21, 2025 10:28 pm IST

रायपुर: CG Naxal News: बीते दिनों बीजापुर के कुटरू में हुए नक्सलियों के लगाए IED ब्लास्ट में 9 जवानों की शहादत से लगे झटके के बाद बस्तर में फोर्स जबरदस्त एक्शन में हैं। लगातार एंटी नक्सल अभियान के बाद, नक्सली अब बार्डर ऐरिया की तरफ अपनी मांद में जा दुबकें, लेकिन फोर्स ने भी वहीं जाकर उनके सफाए का अभियान चलाया और निकाल-निकाल कर मारा। एक बार फिर 20 नक्सली फोर्स के हाथों मारे गए ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है जैसे संकेत हैं, लेकिन इस मौके पर भी शंका और सवालों की सियासत नहीं छूटी है, सवाल विपक्ष ने उठाए जिसे सत्ता पक्ष ने खारिज करते हुए, विपक्ष की भ्रम-भय-भ्रष्टाचार की सियायत बताया। शंका क्या है, कितनी उचित है, दावा क्या है, कितना पुख्ता है सब पर बहस होगी?

गरियाबंद में उड़ीसा बॉर्डर के पास छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों को बीती रात एक बड़ी सफलता मिली इसमें एक करोड के इनामी नक्सली समेत 20 नक्सली ढेर किए गए। मौके से नक्सिलयों के शव के साथ-साथ कई आधुनिक हथियार जब्त किए गए हैं। देश के गृहमंत्री अमित शाह से लेकर CM साय ने जवानों की बहादुरी की तारीफ की तो गृहमंत्री विजय शर्मा, पहली बार 1 करोड़ के इनामी CC मेंबर के मारे को अब तक की बड़ी कामयाबी मानते हैं।

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CG Naxal News: एक तरफ छत्तीसगढ़-उड़ीसा पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के संयुक्त अभियान की तारीफ हो रही है तो दूसरी तरफ सियासी बयानबाजी जारी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने जवानों को बधाई तो दी लेकिन साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी से मांग की कि नक्सलियों की आड़ में आदिवासी ना मारे जाएं, साथ सवाल उठाया कि बस्तर की जमीन नक्सल मुक्त होती तो आदिवासियों को सौंपी जाएगी या किसी बड़े उद्योगपति को।

ये तो तय है कि मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने प्रदेश सरकार और फोर्स लगातार एक्शन मिशन मोड में काम कर रहे हैं, संयुक्त ऑपरेशन्स, बेहतर तालमेल, चुस्त प्लानिंग का असर भी जमीन पर दिख रहा है। पक्ष-विपक्ष दोनों को पुलिस और सुरक्षा बल जवानों की जांबांजी पर नाज है, सवाल है कि देश की शांति और सुरक्षा से जुड़े संवेदशील मसले पर संदेह कहां है, क्यों है क्या ये महज राजनीतिक लाभ के लिए या वाकई विपक्ष की शंकाओं आरोपों में दम है?

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