गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में IBC24 चैनल की खबर का असर हुआ है जहां जिले में चल रहे बड़े पैमाने पर कटाई के मामले में असर दिखाई दिया है और डीएफओ के द्वारा नोटिस के अलावा सीईओ ने भी कटाई को लेकर सरपंचों को निर्देश दिये हैं। दरअसल हमने पिछले दिनों खबर दिखाई थी कि किस प्रकार जिले में छूट प्रजाति की लकड़ियों का फायदा उठाते हुये लकड़ी कारोबारी और माफियाओं के द्वारा छूट प्रजाति वाले पेड़ों के साथ ही संरक्षित प्रजाति के पेड़ों की भी खुलेआम कटाई कर रहे हैं। इससे जंगल का रकबा भी कम हो रहा है और जिले की हरियाली भी लगातार कम हो रही है, वहीं दूसरे सीमावर्ती जिलों से भी इस जिले में लकड़ी लाकर खपायी जा रही है जोकि नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से किया जा रहा था।
खबर को प्रमुखता से दिखाते हुए हमने बताया था कि किस तरह छूट प्रजाति की लकड़ियों के साथ ही साथ जिले में बेतहाशा वनों की कटाई लगातार जारी है और प्रतिमाह करीब दो हजार से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं। इस मामले की सोशल मीडिया में भी लोगों ने जिला प्रशासन और मरवाही वनमंडल के अधिकारियों के कामकाज की निंदा करते हुये पर्यावरण के प्रति चिंता जताई और अब इसका असर दिखाई देने लगा है, जिसमें मरवाही डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने जिले के सभी आरा मिल और पीलिंग मिलों के संचालकों को नोटिस जारी करते हुये ट्रांजिट परमिट से छूट प्रजाति की लकड़ियों का क्रय विक्रय जोकि सरंपचों के द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर किया जा रहा है।
वह शासन के नियमों के अनुरूप नहीं होने के कारण मान्य नहीं किया जाएगा और एसडीएम की परमिशन के बाद ही छूट प्रजाति की लकड़ियां और वनोपज की खरीदी बिक्री और चिराई कार्य किया जा सकेगा। गौरेला जनपद पंचायत के सीईओ ने भी सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि यह पाया गया है कि आम लोगों के द्वारा पेड़ों की कटाई की जा रही है।
कटाई का मामला मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये प्रशासन के भी संज्ञान में आया है, जिसके बाद सीईओ डॉ संजय शर्मा ने सभी को निर्देश दिया है कि मुनादी कर कटाई पर रोक लगायी जावे और यदि विशेष परिस्थिति में कटाई की अनुमति दी जाती है तो विभाग को अवगत कराया जावे। जिले की कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने जिले के अधिकारियों को कटाई पर रोक लगाने और परिवहन करते पाये जाने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने कटाई को लेकर संजीदगी पत्रों के माध्यम से तो दिखाई है और अब यह देखने वाली बात होगी कि आखिर जिले में पेड़ों की कटाई किस हद तक रूक पाती है। IBC24 से शरद अग्रवाल की रिपोर्ट
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