Even after 6 months the name of the district did not change in gov offices

6 माह बीतने के बाद भी शासकीय कार्यालयों में नहीं बदला जिले का नाम, कलेक्टर के आदेश को भी हल्के में ले रहे अधिकारी

Even after 6 months the name of the district did not change in gov offices निर्देश की खुलेआम अवहेलना की जा रही है।

Edited By :   Modified Date:  March 21, 2023 / 01:32 PM IST, Published Date : March 21, 2023/1:31 pm IST

 Name of the district did not change in gov offices: कोरिया। कोरिया से अलग होकर बने जिले मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर को अस्तित्व में आये छह महीने हो चुके हैं। लेकिन छह महीने बाद भी यहां का हाल यह है कि विभाग प्रमुखों द्वारा कलेक्टर के निर्देश की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। यही कारण है कि सरकारी कार्यालयों और भवनों में आज भी कोरिया जिला ही लिखा हुआ है। जिले का मुख्यालय मनेंद्रगढ़ चैनपुर में है। लेकिन स्थिति यह है कि कलेक्टर कार्यालय से कुछ दूरी पर संचालित कार्यालय ही अब तक पुराने जिले का नाम अपने कार्यालयों से नहीं मिटवा पाए हैं। ऐसे में सवाल खड़े होना लाजिमी है।

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कई कार्यालयों में निर्देश का नहीं हो रहा पालन

छह महीने पहले 9 सितंबर 2022 को नवीन जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर अस्तित्व में आया था, जिसका लोकार्पण खुद सीएम भूपेश बघेल ने किया था। कलेक्टर के रूप में जिले का कार्यभार संभालने के बाद पी एस ध्रुव ने बैठक में सभी विभाग प्रमुखों को जिले का नाम बदलने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके आज भी कई कार्यालयों में निर्देश का पालन नहीं हो पाया है। हाल यह है कि कलेक्टर कार्यालय की नाक के नीचे ही कुछ दूरी पर संचालित कार्यालय अब भी अपने को पुराने कोरिया जिले के नाम पर ही संचालित कर रहे हैं। वहीं जिले के ब्लाक मुख्यालयों में भी यही हाल है। कलेक्टर कार्यालय के आसपास नवीन जिले का नाम अंकित नहीं हो पाया है।

IBC24 ने सरकारी कार्यालयों और भवनों का किया खुलासा

IBC24 ने उन कार्यालयों और सरकारी भवनों का दौरा किया और सभी को अपने कैमरे में कैद किया कि किस तरह से जिले की सौगात को अधिकारी पलीता लगा रहे है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़गवां हो या लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता का कार्यालय या फिर जिला रोजगार कार्यालय से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र हो या राशन की दुकान। पटवारी आवास से लेकर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के कार्यालय तक का यही हाल है।

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 Name of the district did not change in gov offices: मजे की बात तो यह है ये सभी मुख्य मार्ग के किनारे स्थित है। जहां अधिकारियों का जाना आना लगा रहता है। खुद कलेक्टर पीएस ध्रुव तीन दिन पहले खड़गवां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने गए थे। वे यहां एक घण्टे रहे पर पूरे परिसर में लिखे जिला कोरिया पर उनकी नजर नहीं पड़ी। कुछ कार्यालयों ने जिले के नाम को शार्ट कर एम सी बी ही लिखवा दिया है जो कि गलत है। वहीं कुछ ने कागज में एमसीबी लिखवाकर पुराने जिले के नाम के ऊपर चिपका दिया है। अब इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

 

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