रायपुर/सुकमाः ED Raid on Kawasi Lakhma House छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले को लेकर एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने एक्शन लिया है। टीम में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के ठिकानों पर दबिश दी है। शनिवार को सुबह राजधानी रायपुर के धरमपुरा इलाके में स्थित उनके आवास पर अधिकारियों की टीम पहुंची और जांच कर रही है। उधर, सुकमा में उनके बेटे और जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के शासकीय आवास में भी अधिकारी पहुंचे हुए हैं। वहीं कवासी लखमा और हरीश कवासी के करीबी माने जाने वाले नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर भी अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। सुकमा में दोनों कांग्रेस नेताओं के घर .5 गाड़ियों में 10 से ज्यादा ईडी के अधिकारी पहुंचे हैं। सभी जगहों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
ED Raid on Kawasi Lakhma House बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दे रहे थे। रिपोर्ट्स ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था।
बता दें कि इस मामले को लेकर 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ACB ने 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। FIR में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी FIR में शामिल है, जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला एक बड़ा वित्तीय घोटाला है जिसमें 2,161 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन का आरोप है। इसमें कथित रूप से अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर अवैध शराब सिंडिकेट चलाया था।
ईडी ने कवासी लखमा के घर सहित कई स्थानों पर छापेमारी की है और शराब घोटाले में उनकी भूमिका की जांच कर रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने घोटाले से जुड़े कमीशन का हिस्सा प्राप्त किया था।
हां, इस घोटाले में अन्य नेताओं और अफसरों का भी नाम सामने आया है। ईडी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें कवासी लखमा भी शामिल हैं।
ईडी की कार्रवाई से घोटाले में शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई की उम्मीद है। इससे भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोपों में जांच तेज होने की संभावना है।
एफआईआर में दावा किया गया है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से जुड़े अवैध कमीशन के रूप में हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे, जो कि इस घोटाले के वित्तीय हिस्से का हिस्सा था।