आकाश राव, दुर्ग: Durg Administration Have not Fund जिले में जनहित के लिए जिस दानदाता ने करोड़ों की जमीन दान कर दी, उनकी प्रतिमा लगाने जिला प्रशासन के पास फंड तक नहीं है। वहीं राजनेताओं की प्रतिमाएं लगाने के लिए सरकारी खजाने से लाखों रुपए निकल रहे हैं। इसी बीच दानदाता की प्रतिमा लगाने की मांग तेज हो गई है।
Durg Administration Have not Fund हम बात कर रहे हैं संभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल दुर्ग समेत विभिन्न बिल्डिंगों के लिए जमीन दाने करने वाले स्वर्गीय पांडुरंग रामाराव डोनगांवकर की। स्वर्गीय डोनगांवकर पहले पंक्ति के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, दुर्ग के पहले विधायक, मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष, सीपी एंड बरार में डिप्टी स्पीकर जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपना अमूल्य योगदान दिया था।
उन्होंने अपने हिस्से की बेशकीमती करीब 75 एकड़ जमीन साल 1901 में शासन को दान कर दी थी, जिसके चलते 2003 में जिला अस्पताल का नाम स्वर्गीय डोनगांवकर के नाम पर किया गया। लेकिन उनकी प्रतिमा को लेकर जिला प्रशासन ने डोनगांवकर परिवार को खर्च वहन करने की शर्त रखी, जिसके बाद से लगातार दुर्ग में स्वर्गीय डोनगांवकर की प्रतिमा लगाने की मांग उठ रही है।
जिला प्रशासन महापुरुषों की प्रतिमाओं को दरकिनार कर राजनेताओं की प्रतिमा लगाने में जुटा हुआ है। नगर निगम, जिला प्रशासन और विभिन्न मदों से राजनेताओं की प्रतिमाएं लगाई जा रही हैं। वहीं शहर के विधायक अरुण वोरा का कहना है कि विधायक निधि से प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती। बहरहाल, अब देखना यह होगा शहवासियों और परिवार की स्वर्गीय डोनगांवकर की प्रतिमा लगाने की मांग कब तक पूरी होती है ये आने वाला वक्त ही बताएगा।