Dantewada Naxal Encounter Inside Story: One thousand soldiers were involved in encounter

Dantewada Naxal Encounter Inside Story: दो घंटे तक गूंजती रही सिर्फ गोलियों की आवाज, नक्सलियों पर एक्शन के लिए चुनकर निकाले गए थे 1000 बेस्ट जवान, महज 4 घंटे में बना प्लान

दो घंटे तक गूंजती रही सिर्फ गोलियों की आवाज, Dantewada Naxal Encounter Inside Story: One thousand soldiers were involved in encounter

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Modified Date: October 5, 2024 / 02:21 PM IST
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Published Date: October 5, 2024 2:21 pm IST

दंतेवाड़ा/नारायणपुरः Dantewada Naxal Encounter Inside Story छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर शुक्रवार को अब तक के सबसे बड़े नक्सली ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। महज 4 घंटे में ही बनाई गई प्लानिंग से जवानों पूर्वी बस्तर डिवीजन के कंपनी नंबर 6 का खात्मा कर दिया। 1000 जवानों की घेराबंदी में नक्सली पानी मांगने को मजबूर हो गए। नक्सलियों ने तो पहले से फायरिंग शुरू की, लेकिन जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और महज दो घंटे में ही एक के बाद एक 31 नक्सलियों को खत्म कर दिया। चलिए इस खबर के जरिए समझते हैं कि आखिर इस बड़े नक्सल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

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Dantewada Naxal Encounter Inside Story तीन अक्टूबर को पुलिस को खबर लगी कि अबूझमाड़ में ओरछा थाना क्षेत्र के थुलथुली इलाके में पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी की लीडर नीति समेत कई बड़े मौजूद है और किसी बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे हैं। सुरक्षाबलों के अधिकारी एक्टिव हुए और इसके लिए एक बड़ी रणनीति बनाई गई। पहले तो कश्मकश थी कि जवानों को कहां से भेजा जाए। सभी सहमति बनी तो यह ऑपरेशन इंटर डिस्ट्रिक कोआर्डिनेशन के तहत चलाने का फैसला लिया गया और जवानों को अलग-अलग इलाकों से मौके पर भेजने का फैसला लिया गया। कोई चुक ना हो इसलिए बस्तर संभाग के पांच जिलों के बेस्ट जवानों को शामिल किया गया।

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नहीं लगी नक्सलियों को भनक

नक्सली अब पूरी तरह बैकफूट पर आ गए हैं। अब ना तो उनके पास कोई सूचना तंत्र बचा है और ना कोई खुफिया साधन। 31 नक्सलियों की मौत इस बात का प्रमाण है। दरअसल, माओवादी लीडर जब जंगलों में बैठक रणनीति बना रहे थे, तो उन्हें जवानों के गतिविधियों की जानकारी नहीं लग पाई। कहा जा रहा है कि बारिश भारी बारिश की वजह से वे भी पहाड़ पर एक ठिकाने पर रुक गए थे और बारिश थमने का इंतजार कर रहे थे।

दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले को मिली थी कमान

माओवादियों पर इस बड़े प्रहार का पूरा दरोमदार दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले को थी। इस ऑपरेशन में पांच जिलों के बेस्ट जवानों के साथ-साथ दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले से करीब 1 हजार से ज्यादा DRG और STF को शामिल किया गया। गुरुवार सुबह ये जवान एक जगह पर इकट्ठा हुए और जवान गुरुवार को ही जंगलों में घुस गए। भारी बारिश के बाद करीब 3 से 4 पहाड़, नदी-नाले पार किए और थुलथुली-नेंदुर गांव के जंगल में पहुंचे और इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। पहले 15 मिनट के अंदर ही जवानों ने 7 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। इसके बाद अलग-अलग समय में जवानों ने माओवादियो को ढेर कर दिया।

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इस साल अब तक 171 नक्सली को मारे गए

इस साल बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने 171 नक्सलियों को मार गिराया गया है। बस्तर क्षेत्र में दंतेवाड़ा और नारायणपुर सहित 7 जिले शामिल हैं। उधर, 11 दिन में यह तीसरी मुठभेड़ है। 24 सितंबर को भी सुकमा जिले में मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान एनकाउंटर में 2 नक्सलियों को ढेर किया गया था। हालांकि दोनों शव को उनके साथी अपने साथ ही ले गए।

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