राजनांदगांव, 21 दिसंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में आरक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में संदिग्ध 26 वर्षीय पुलिसकर्मी का शव शनिवार को एक पेड़ से लटका बरामद किया गया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राजनांदगांव जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि कांस्टेबल अनिल रत्नाकर का शव आज सुबह राजनांदगांव शहर के बाहरी इलाके लालबाग पुलिस थाने के रामपुर गांव में एक पेड़ से लटका हुआ बरामद किया गया।
अधिकारी ने बताया कि आरक्षक के परिवार के सदस्यों को सूचित किया गया है।
उन्होंने बताया कि महासमुंद जिले के निवासी रत्नाकर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले के जालबंधा पुलिस चौकी में तैनात था। उसे हाल ही में राजनांदगांव में कांस्टेबल भर्ती अभियान के लिए नियुक्त किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि रत्नाकर की बाईं हथेली पर पेन से लिखा एक नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि भर्ती में कथित अनियमितताओं में कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है और अधिकारियों को बचाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है और मामले की जांच की जा रही है।
राजनांदगांव पुलिस रेंज के लिए कांस्टेबल भर्ती अभियान, जिसमें राजनांदगांव, केसीजी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और कबीरधाम जिले शामिल हैं, 16 नवंबर को छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) की आठवीं बटालियन के परिसर में शुरू किया गया था।
गर्ग ने बताया कि भर्ती अभियान हैदराबाद की टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी के तकनीकी सहयोग से चल रहा है।
उन्होंने बताया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया के लिए सभी तकनीकी उपकरणों की उपलब्धता और सभी डेटा की प्रविष्टि और भंडारण का रखरखाव कंपनी द्वारा किया जा रहा है तथा सभी डेटा का एक्सेस कंट्रोल भी उक्त कंपनी के पास है।
अधिकारी ने बताया कि हाल ही में शारीरिक दक्षता परीक्षण में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों की प्रविष्टियों में धोखाधड़ी पाए जाने पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके बाद रत्नाकर सहित कुछ पुलिस कर्मियों को भर्ती ड्यूटी से हटा दिया गया था।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है और पुलिसकर्मियों तथा तकनीकी कंपनी के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है।
गर्ग ने बताया कि 17 दिसंबर को पुलिस उप अधीक्षक तनुप्रिया ठाकुर, जो भर्ती अभियान के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा के तहत शॉटपुट इवेंट की प्रभारी थीं, ने एक अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त अंकों के डेटा में कुछ जालसाजी पाए जाने के बाद एफआईआर दर्ज कराई थी।
हालांकि प्राथमिकी अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई थी, लेकिन इसमें कहा गया है कि मामले में तकनीकी टीम, पुलिस कर्मचारियों और अन्य लोगों की संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अनिल के बड़े भाई सुनील रत्नाकर ने दावा किया कि उनके भाई ने शुक्रवार को उन्हें फोन पर बताया कि उन्हें भर्ती अभियान में कथित धोखाधड़ी में फंसाया जा रहा है। उनके भाई ने यह भी कहा कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी जालसाजी में शामिल हैं और निचले स्तर के कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कांस्टेबल भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतक रत्नाकर की हथेली पर लिखे नोट की तस्वीर के साथ ‘एक्स’ पर लिखा है, ‘राजनांदगांव का पुलिस भर्ती घोटाला तो गंभीर मामला दिखता है। आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या से पहले अपने हाथ पर जो लिखा है वह इसकी गंभीरता को बताता है। ‘कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अधिकारियों को बचाया जा रहा है। अधिकारी सब इन्वॉल्व हैं’ का मतलब साफ़ है मुख्यमंत्री जी। भ्रष्टाचार तो हुआ है। अधिकारियों की भूमिका भी है। अब तो उच्च स्तरीय जांच होनी ज़रूरी है।’
भाषा सं संजीव रंजन
रंजन
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