रायपुर: #SarkarOnIBC24 माना के मौसम चुनावी है, पर क्या कुछ संवेदनशील मसलों को सियासत से परे नहीं रखना चाहिए। ऐसा ही मसला है नक्सलवाद छत्तीसगढ़ में भले ही वोटिंग पूरी हो गयी हो लेकिन मोदी की गारंटी पर बहस अब भी जारी है। दरअसल, यहां बीजेपी सरकार का संकल्प है, कि 2-3 सालो में देश से नक्सलवाद खत्म होगा, और ये मोदी की गारंटी है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए विपक्ष और नक्सली दोनों से सुझाव मांगे हैं। जिस पर विपक्ष ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार के पास कोई ठोस नक्सल नीति ही नहीं है तो बीजेपी कहती है कि कांग्रेस से नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान का कामयाबी देखी नहीं जा रही।
#SarkarOnIBC24 2023 का पूरा चुनाव, बीजेपी ने ‘मोदी की गारंटी’ पर लड़ा और जीता 2024 में भी बीजेपी को सबसे ज्यादा भरोसा है मोदी को फेस और मोदी की गारंटी पर छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी में एक बड़ी गारंटी नक्सलवाद का खात्मा भी है। साय सरकार का दावा है कि इस दिशा में प्लानिंग के साथ, तेजी से काम हो रहा है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने पिछले दिनों बार-बार कहा है कि सरकार नक्सलियों से किसी भी माध्यम से चर्चा को तैयार है, उन्होंने नई नक्सली और पुनर्वास नीति पर लोगों से यहां तक की नक्सलियों से भी सुझाव मांगे हैं। इस पर कांग्रेस ने सरकार का दिशाहीन बताया। जवाब में गृह मंत्री विजय शर्मा ने साय सरकार के कार्यकाल के 5 महीनों में नक्सल मोर्चे पर मिली कामयाबी से जुड़े आंकड़े पेश किए।
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कांग्रेस को चुनौती दी वो भी भूपेश सरकार के पिछले 5 सालों के दौरान नक्सल मोर्चे पर मिली कामयाबी के आंकडे सार्वजनिक करें। गृहमंत्री ने विपक्ष को इस मामले में राजनीति ना करने की नसीहत दी है। उल्टे गृहमंत्री विजय शर्मा ने pcc चीफ दीपक बैज से पूछा कि वे बताएं ही बताएं कि नक्सल उन्मूलन के लिए क्या करना है, कोई भी सुझाव दे सकता है, वो भी दें।
इधर, जवाब में pcc चीफ दीपक बैज ने कहा कि हमारी सरकार में नक्सलियों के लिए बेहतर पुनर्वास नीति थी। इसलिए नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया। बैज ने आरोप लगाया कि साय सरकार, छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रही है। सरकार की नीयत और नीति दोनों साफ नहीं है। पटवार में डिप्टी सीएम अरुण साव ने तंज कसा कि बस्तर में शांति और विकास के लिए सरकार काम, कांग्रेस को रास नहीं आ रहे।
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सब चाहते हैं, देश से प्रदेश से नक्सलवाद का सफाया होना ही चाहिए। भयमुक्त बस्तर के बिना विकसित छत्तीसगढ़ का सपना पूरा होना मुमकिन नहीं है। इसके लिए बातचीत, सुझाव और जमीनी स्तर पर एक्शन सभी जरूरी हैं। सरकार का साफ संदेश है कि सुझाव कोई भी दे सकता है। विपक्ष भी, नक्सली भी ध्यान हल पर हो ना कि सियासत पर बड़ा सवाल ये कि बिना सियासत पक्ष-विपक्ष इस मुद्दे पर एक साथ, एक स्वर में बात कर सकता है?