रायपुर: प्रदेश में डटकर और जमकर सरकार चला रही कांग्रेस पार्टी में क्या सबकुछ ठीक चल रहा है। ये सवाल बीते कुछ महीनों से बार-बार उठा…लगातार उठा…कभी सत्तारूढ़ दल के विधायकों की दिल्ली दौड़ तो कभी अपनों की आलोचना। हालिया दौर में कयासों और अटकलों के बाजार में अभी मामला शांत भी ना हुआ और एक नया आरोप और उसपर जमकर सियासी वार दिख रहा है। सत्तापक्ष के कुछ विधायकों ने प्रदेश के शिक्षामंत्री की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं जिसपर विपक्ष हमलावर है। बड़ी बात ये कि मंत्रीजी की वकालत की है प्रदेश के स्वास्थ्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने, जिससे सियासी गलियारे में नई चर्चाएं चल पड़ी हैं।
हालिया दौर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस में विवाद रायपुर से लेकर दिल्ली तक सुर्खियां बनी। राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह की अटकलें भी लगाई गई। बीजेपी को भी सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरने का मौका मिला। मौजूदा हालात पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शांत भी नहीं हुआ था कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक और नया विवाद सामने आया है। कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह, चंद्रदेव राय, यूडी मिंज, गुलाब कमरो और इंदरशाह मंडावी समेत कई विधायकों ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसे लेने का आरोप लगाया है। बुधवार को इस मामले पर कांग्रेस विधायकों ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात भी की। नाराज विधायकों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर पीसीसी प्रभारी पीएल पुनिया तक करने की बात कही।
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दूसरी तरफ अपने ही विधायकों के आरोपों से घिरे शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह के बचाव में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सामने आए हैं। टीएस सिंहदेव ने कहा कि ट्रांसफर पर फिलहाल बैन लगा हुआ है। ऐसे में इस पर सवाल खड़ा करना समझ से परे है, उन्होंने कहा कि जो ट्रांसफर हो रहे हैं, वो मुख़्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी कर रही है। साथ ही ये भी कहा कि अगर कोई अपने घर की सार्वजनिक तौर पर यूं नीलामी करेगा, तो इसका फायदा तो विपक्ष जरूर उठाएगा।
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वहीं, शिक्षा मंत्री और कांग्रेस विधायकों के बीच नए विवाद की खबर के बाद बीजेपी ने भी फौरन मौके को लपका है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि सरकार के सभी विभागों में जमकर भ्रष्टाचार जारी है। अब तो कांग्रेस विधायकों के आरोपों से भी साबित हो गया है कि इस सरकार का केवल एक ही काम है पैसे की उगाही करना।
वैसे ये पहली बार नहीं है जब शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के खिलाफ कांग्रेस विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद किया हो। विधानसभा सत्र में भी कांग्रेस विधायक शिक्षा मंत्री का घेराव कर चुके हैं। कहा ये भी जाता है कि सरगुजा संभाग से आने वाले डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी हैं। ऐसे में कांग्रेस विधायकों का उनके खिलाफ मोर्चा खोलना बीजेपी को बैठे बिठाए सरकार को घेरने के लिए एक मुद्दा दे गया है। सवाल ये है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नए विवाद से लाभ कौन उठा रहा है और नुक्सान किसे हो रहा है?