रायपुरः लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी पार्टी अपनी सीटों का आंकड़ा 100 के पार नहीं पहुंचा पाई। उसे सबसे ज्यादा झटका मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और दिल्ली में लगा, जहां बीजेपी ने लगभग क्लीन स्वीप करते हुए कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब कांग्रेस आलाकमान ने खराब प्रदर्शन के कारणों की पड़ताल शुरू कर दी है। हार की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई है। हालांकि ये अपने मकसद में कितना कामयाब रहती है? ये साफ नहीं है।
चुनाव में बार-बार हार और उसकी लगातार समीक्षा कांग्रेस की नियती बन गई है। विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस अपना प्रदर्शन नहीं सुधार पाई। 2 से घटकर एक सीट पर आ गई। करारी हार के बाद कांग्रेस मंथन के दौर से गुजर रही है। आलाकमान ने सीनियर नेता वीरप्पा मोइली और हरीश चौधरी को पार्टी की हार की वजह तलाशने की जिम्मेदारी सौपी है। ये कमेटी टिकट वितरण ही नहीं बल्कि गुटबाजी और नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भी अपनी रिपोर्ट देगी। कांग्रेस नेता जहां समिति के जरिए पार्टी में सुधार की उम्मीद कर रहे है। वही कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम कांग्रेस पर तंज कस रहे हैं।
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बात अगर मध्यप्रदेश की करें तो यहां कांग्रेस का छत्तीसगढ़ से भी ज्यादा बुरा हाल हुआ। बीजेपी ने क्लीन स्वीप कर लिया। कांग्रेस नेतृत्व ने MP में हार की समीक्षा के लिए पृथ्वीराज चव्हाण, सप्तगिरि उल्का और जिग्नेश मेवानी को मिलाकर कमेटी बनाई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जांच के लिए बनी ये कमेटियां प्रदेश कांग्रेस में किसी बड़े बदलाव की सिफारिश करने से भी पीछे नहीं हटेंगी।
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