रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर विधानसभा के ग्राम बकावंड में भेंट मुलाकात अभियान के दौरान राजीव युवा मितान क्लब के युवक राजेश से चर्चा के दौरान कहा कि राजीव युवा क्लब के युवाओं द्वारा योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का काम सराहनीय है। इससे आम जनता में योजनाओं के प्रति जागरूकता आएगी और वे योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो सकेंगे।
राजीव युवा मितान क्लब के राकेश ने भेंट-मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि वे क्लब में युवाओं के लिए कई गतिविधियों का आयोजन करते है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा जो शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे है वह सरहानीय है। इससे वनांचल में रहने वाले लोग लाभान्वित होंगे।
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भेंट-मुलाकात में मुख्यमंत्री से मिलने आये राजनगर के संतराम पाटले ने बताया कि वे राजीव गांधी किसान न्याय योजना के हितग्राही है। साथ ही प्रदेशभर के किसान इससे लाभान्वित है किंतु बड़ी बात यह है कि किसानों को जरूरत के समय यह राशि मिल रही है। उन्होंने कहा कि बीज खरीदने, खेत बनाने, बुआई और कटाई के समय सहयोग मिलने से किसानों में खुशी है। यह कहते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया।
गोबर बेचकर किसी ने गहने खरीदे, किसी ने गाड़ी खरीदी तो कोई अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहा है। गोबर से आर्थिक संपन्नता आ रही है और लोग अपनी जरूरत पूरी कर पा रहे है। लोगों से मिलने मुख्यमंत्री जब बकावंड पहुंचे तब चर्चा के दौरान कृष्णा देवांगन ने बताया कि उन्होंने तीन लाख रुपए का गोबर बेचे है और इस पैसे से मक्का मिलिंग मशीन खरीदा है। मुख्यमंत्री ने पशुपालक कृष्णा देवांगन की सराहना की और अन्य लोगों को भी योजना का लाभ लेने को कहा।
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भेंट मुलाकात कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी बालिका आश्रम की छात्रा तनुजा कश्यप ने मुख्यमंत्री को बकावंड में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने के लिए सभी बच्चों की ओर से धन्यवाद दिया । मुख्यमंत्री ने तनुजा से खूब पढ़ाई करने की बात कही और उनके उज्ज्वल भविष्य की भी कामना की । ज्ञातव्य है कि कस्तूरबा गांधी बालिका आश्रम में सुदूर वनांचल के ऐसे बालिकाओं को शिक्षा दी जाती है जिनके माता-पिता नहीं हैं, जो कमजोर वर्ग से हैं, शाला त्यागी और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं । छात्राओं को यहां पर पढ़ाई के साथ आत्मरक्षा, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, पाक कला, खेल कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा सर्वांगीण विकास किया जाता है । उनकी भविष्य की आकांक्षाओं के अनुरूप उनका मार्गदर्शन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है । यहां आश्रम में बच्चों को उनकी आवश्यकता के सभी सामान कपड़े, स्टेशनरी भी निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं ।