(रिपोर्टः सौरभ सिंह परिहार) रायपुरः प्रदेश में एक बार फिर कर्ज के मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है। दरअसल विपक्ष ने जरूरत से ज्यादा कर्ज लेने पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है। बीजेपी नेताओं ने विधानसभा के बजट सत्र में भी मुद्दा उठाया। बीजेपी ने कहा कि सरकार अपनी बजट का 80 फीसदी कर्ज ले चुकी है। जिसके कारण राज्य की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया कि मौजूदा कर्ज का 50 फीसदी हमें बीजेपी सरकार से विरासत में मिला है। कर्ज के नए आंकड़े पेश करते हुए सीएम ने कहा कि 2012-13 के बाद उनकी सरकार ने सबसे कम कर्ज लिया है।
छत्तीसगढ़ में इन दिनों सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के बीच राज्य सरकार के बीच कर्ज ज्यादा लिए जाने के मुद्दे को लेकर बयानबाजी हो रही है। विधानसभा के बजट सत्र में भी इस मुद्दे को लेकर खूब हंगामा हुआ। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपनी बजट का 80 फीसदी कर्ज ले चुकी है। जिसकी वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 15 साल में जितना कर्ज हमारी सरकार ने नहीं ली उससे कही ज्यादा कर्ज कांग्रेस सरकार तीन साल में ले चुकी है। इसके कारण राज्य सरकार केन्द्रीय योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी नहीं दे पा रही है।
Read more : पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरसी लाहोटी का निधन, 82 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
छत्तीसगढ़ सरकार पर फिलहाल 84 हजार 232 करोड़ रुपए का कर्ज है। इस भारी भरकम कर्ज के आंकड़ों पर बीजेपी लगातार सरकार को घेरने की कोशिश करती रही है। जबकि कांग्रेस का दावा है कि रमन सरकार से विरासत में मिले कर्ज का खामियाजा उसकी सरकार भुगत रही है। विपक्ष के आरोपों पर अब भूपेश बघेल ने आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इसी वर्ष लिया है। पिछले 3 वर्षो में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ रूपए की कमी और कोविड आपदा के कारण राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य सरकार को ऋण लेना पड़ा। राज्य सरकार ने अबतक केवल 33 हजार 886 करोड़ रुपए का शुद्ध ऋण लिया गया है।
Read more : लोकवाणी में इस बार ‘‘नवा छत्तीसगढ़-नवा बजट’’ पर होगी बात, 10 अप्रैल को होगी प्रसारित
दरअसल बीते कुछ सालों से केन्द्र सरकार जीएसटी की राशि राज्यों को समय पर नहीं दे पा रही है। जिसके कारण राज्यों को इस राशि के भरपाई के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। इन्हीं राज्यों में एक छत्तीसगढ़ भी है। जहां केन्द्र से जीएसटी समेत अन्य रायल्टी या सेस की लगभग 15 हजार करोड़ की राशि नहीं मिली है। वहीं दो वित्तीय वर्ष में राज्य के राजस्व में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। ऐसे में भूपेश सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने मुश्किल हालात में भी कम कर्ज लेकर वित्तीय प्रबंधन का शानदार उदाहरण पेश किया है।