(रिपोर्टः सौरभ सिंह परिहार) PESA law in Chhattisgarh रायपुरः छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों की पंचायतों में पेसा कानून लागू करने के नियमों को भूपेश कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। विपक्ष जहां कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है तो सत्तापक्ष ने आरोप लगाया कि 15 सालों में भाजपा की सरकार ने आदिवासियों के साथ बहुत से छल किए। उसमें एक पेसा के नियम ना बनाना भी था। आखिर पेसा छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों में कैसे होगा लागू ? इस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को क्या होगा फायदा?
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PESA law in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आदिवासी और पेसा कानून हमेशा से राजनीति के केंद्र रहे हैं। सरकार चाहे 15 साल बीजेपी की रही हो या फिर वर्तमान में कांग्रेस की। विपक्ष अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून को लेकर सत्तापक्ष को कठघरे में खड़ा करता रहा है। गुरुवार को भूपेश कैबिनेट ने पेसा कानून प्रदेश में लागू करने की घोषणा कर दी। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कैबिनेट के अनुमोदन की जानकारी दी। सीएम ने लिखा कि राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ की जनता से किया गया एक और वादा पूरा हुआ। इस नियम से किसी भी वर्ग को कोई नुकसान नहीं होगा। सीएम भूपेश ने अपने ट्वीट में बीजेपी की 15 साल की सरकार पर भी निशाना साधा।
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सीएम के ट्वीट पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पलटवार किया कि कांग्रेस चुनाव के लिए कुछ भी कर सकती है। आदिवासी समाज को 32% आरक्षण दिया तो वो बीजेपी ने दिया। अगर कांग्रेस की नियत अच्छी होती तो इतना कानून को लागू करने में इतनी देर नहीं करती। बीजेपी नेता लाख सवाल उठाए लेकिन पेसा कानून लागू होने के बाद कांग्रेस के आदिवासी नेता काफी खुश हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने अपने 15 साल के कार्यकाल में आदिवासियों को केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया। जब कुछ देने की बारी आई तो कन्नी काट ली।
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पेसा कानून को बने दो दशक से ज्यादा वक्त हो गए। लेकिन छत्तीसगढ़ में इसे अभी मंजूरी मिली है। राज्य सरकार ने नियम बना दी है जो आगामी दिनों में ट्राईबल एडवाइजरी काउंसिल में जाएगी फिर राजपत्र में प्रकाशित होगा। कांग्रेस सरकार के इस कदम को 2023 के लिए ट्रंप कार्ड कहें तो गलत नहीं होगा क्योंकि इसका असर सरगुजा, रायगढ़, बस्तर और कांकेर लोकसभा क्षेत्र समेत 29 विधानसभा क्षेत्रों पर होगा. ऐसे में बीजेपी आदिवासियों के लिए क्या कुछ करती है बड़ा सवाल है।
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