Chhattisgarh will become the 'Millet Hub' of the country. Malnutrition will decrease due to Millet Mission, employment will increase

Chhattisgarh बनेगा देश का ‘मिलेट हब’। Millet Mission से घटेगा कुपोषण, बढ़ेगा रोजगार।

Chhattisgarh will become the 'Millet Hub' of the country. Malnutrition will decrease due to Millet Mission

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 PM IST
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Published Date: September 17, 2021 10:56 pm IST

 

रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिलेट मिशन की शुरुआत की है। जिसका उद्देश्य प्रदेश के किसानों को छोटी अनाज फसलों का उचित मूल्य प्रदान करना है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की मंशा है कि इसके जरिए प्रदेश, मिलेट हब बनकर उभरे। सरकार का प्रयास है कि ‘मिलेट मिशन’ किसानों के लिए लाभकारी साबित हो और इससे किसानों को हर स्तर
पर मदद मिले। इसके लिए किसानों को इनपुट सहायता दी जाएगी, साथ ही खरीदी की व्यवस्था और फसलों के प्रसंस्करण में भी मदद दी जाएगी। सरकार की इस नई पहल पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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छत्तीसगढ़ के वनांचल में उगाए जाने वाली कोदो-कुटकी और रागी फसल को प्रोत्साहन देने के लिए भूपेश सरकार ने मिशन मिलेट की शुरूआत की है। इस मिशन से वनांचल में लोगों के पोषण स्तर में वृद्धि होगी। साथ ही फसलों के वैल्यु एडिशन से रोजगार भी मिलेगा। किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। दरअसल पहले मोटे अनाज कहलाने वाले कोदो, कुटकी और रागी का मूल्य निर्धारित नहीं था। किसान इनकी खेती केवल खुद के जीवन यापन के लिए किया करते थे, लेकिन अब मिलेट मिशन संचालित होने के बाद किसानों को उनकी लधु धान्य फसलों का उचित दाम मिलेगा।

 

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सरकार ने कोदो, कुटकी की कीमत 3000 रूपये प्रति क्विंटल और रागी की कीमत 3177 रूपये निर्धारित की है। सरकार ने इसकी खरीदी और प्रसंस्करण की भी व्यवस्था की गई है। इससे किसानों को दोहरा फायदा मिलेगा। साथ ही इस साल कोदो, कुटकी और रागी का रकबा 71 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 लाख 1 हजार हेक्टेयर किया गया है। सरकार ने 9000 रूपये प्रति एकड़ इनपुट प्रोत्साहन दिये जाने से किसानों में काफी उत्साह है और अब तक 75 हजार हेक्टेयर में मिलेट की बुआई हो चुकी है। बस्तर, सरगुजा और राजनांदगांव के आदिवासी बहुल इलाकों के किसानों को फायदा होगा।

सोसायटियों के माध्यम से किसानों को कोदो, कुटकी एवं रागी के गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध होंगे। बस्तर में मिलेट की खेती एवं वनोपजों के संग्रहण एवं प्रसंस्करण से इस क्षेत्र में आयमूलक गतिविधियां एवं रोजगार के अवसर बढ़ेगे।

 

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर कोदो-कुटकी के लिए जहां समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना में इन फसलों को शामिल कर इनके लिए इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इससे किसान इन फसलों की खेती के लिए उत्साहित हैं। कुलमिलाकर भूपेश सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में हर वर्ग का किसान खुशहाल रहे और मिशन मिलेट के जरिए प्रदेश। मिलेट हब बनकर उभरे।

 
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