Chhattisgarh tops in the country in terms of providing employment

रोजगार देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल, नवंबर में बेरोजगारी दर महज 0.1 फीसदी

रोजगार देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल, Chhattisgarh tops in the country in terms of providing employment

Edited By :   Modified Date:  December 2, 2022 / 09:16 PM IST, Published Date : December 2, 2022/9:16 pm IST

रायपुरः Chhattisgarh tops in the country  छत्तीसगढ़ 0.1 प्रतिशत बेरोजगारी की दर के साथ लगातार देश का न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है। राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजनाएं और नीतियां हैं। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला रहा हैं। गौरतलब है कि सीएमआईई के मई-अगस्त 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 3.22 प्रतिशत थी। राज्य शासन की योजनाओं से इसमें उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। बेरेाजगारी की दर छत्तीसगढ़ में माह दिसंबर 2022 में घटकर 0.1 प्रतिशत रह गई है।

Read More : इस परिवार ने छपवाया शादी का अनोखा कार्ड, शराब और बंदूक को लेकर लिखी ये बात, जानें पूरा मामला 

Chhattisgarh tops in the country  छत्तीसगढ़ राज्य के 99.90 फीसद लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़कर आजीविका हासिल कर रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से यह साबित हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य में नवंबर में बेरोजगारी दर अब तक अपने न्यूनतम स्तर 0.1 प्रतिशत है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।

बीते दिनों सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा 1 दिसंबर को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार नवंबर माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.1 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि नवंबर माह में देश में बेरोजगारी दर का यह आंकड़ा 8.2 फीसदी रहा है। देश के शहरी क्षेत्रों में 9.0 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों नवंबर माह में बेरोजगारी का आंकड़ा 7.8 फीसद रहा है। न्यूनतम बेरोजगारी दर के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजना और नीतियां रही हैं। छत्तीसगढ़ में बीते पौने चार साल के भीतर अनेक ऐसे नवाचार हुए हैं, जिनसे शहर से लेकर गांव तक हर हाथ को काम मिला है।

Read More : Bhopal gas tragedy :भोपाल गैस त्रासदी को कल पूरे होंगे 38 साल, कम शब्दों में जानें उस भयानक रात की दर्दनाक कहानी

सीएमआईई द्वारा 1 दिसम्बर 2022 को बेरोजगारी दर के संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक नवम्बर 2022 में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में 0.1 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है। वहीं इसी अवधि में 1.2 फीसदी के साथ उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है। ओड़िसा 1.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 6.2 प्रतिशत है और गुजरात में यह आंकड़ा 2.5 प्रतिशत रहा है। दूसरी ओर नवंबर 2022 में सर्वाधिक बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा शीर्ष पर है, जहां 30.6 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है। जम्मू एवं काश्मीर में बेरोजगारी दर 23.9 फीसदी दर्ज की गई।

Read More : इस परिवार ने छपवाया शादी का अनोखा कार्ड, शराब और बंदूक को लेकर लिखी ये बात, जानें पूरा मामला 

इसलिए छत्तीसगढ़ में रोजगार:

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने समावेशी विकास के लक्ष्य के साथ काम करना शुरू किया। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के साथ गांवों की आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में नवाचार किए गए। इसमें सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम ने महती भूमिका निभाई तो दूसरी ओर गोधन न्याय योजना के साथ गौठानों को रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के तौर पर विकसित किया गया, जिससे गोबर बेचने से लेकर गोबर के उत्पाद बनाकर ग्रामीणों को रोजगार मिला। रोजगार के नए अवसर सृजित हुए। 7 से बढ़ाकर 65 प्रकार के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इन लघु वनोपजों के प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन किया गया। इससे वनांचल में भी लोगों को रोजगार मिला। इसी तरह स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए सी-मार्ट प्रारंभ किए गए हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों की आर्थिक समृद्धि की दिशा में प्रयास हुए तो वहीं इस योजना के बाद उत्साहित किसानों की दिलचस्पी कृषि की ओर बढ़ी। राज्य में खेती का रकबा और उत्पादन बढ़ा। राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर योजना के तहत पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता मिली। राज्य में नई उद्योग नीति लागू की गई, जिसमें अनेक वर्गों और विभिन्न क्षेत्रों में सब्सिडी के प्रावधान किए गए। इससे उद्यमिता विकास को गति मिली।