रायपुर। आरक्षण संशोधन विधेयक पर छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्यपाल के सवालों के जवाब दे दिए हैं। इस पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि यदि वे जवाब से संतुष्ट हुईं तो हस्ताक्षर करेंगी। तो क्या अब आरक्षण पर जारी सियासत अब थम जाएगी और क्या राजभवन पर राजनीति का दौर खत्म हो जाएगा। आरक्षण पर आखिर आगे क्या होगा ?
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छत्तीसगढ़ की सियासी मैदान में चल रहे आरक्षण के खेल में एक बार फिर गेंद राज्यपाल के पाले में आ गई है। आरक्षण के कोटे को बढ़ाने के लिए विधानसभा में पारित किए गए विधेयक की वैधानिकता को लेकर राज्यपाल की ओर से पूछे गए दस सवालों के जवाब सरकार ने दे दिए हैं। राज्यपाल अनसुईया उइके ने आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करने से पहले दस मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा था। उन्होंने पूछा कि आरक्षण की सीमा 50% बढ़ाने की परिस्थिति क्यों बनी ? आरक्षण की सीमा बढ़ाने से पहले क्या कोई कमेटी गठित हुई है ? EWS आरक्षण के लिए क्या कोई अलग से अधिनियम लाया गया ? ऐसे ही दस सवालों के पूछे जाने के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बयानबाजी का दौर चल रहा था। राज्यपाल पर भाजपा के इशारे पर विधेयक की राह में अंड़गा लगाने तक का आरोप लगा। अब इन दस सवालों का जवाब पेश करके सरकार ने गेंद राज्यपाल के पाले में डाल दी है।
सरकार ने राज्यपाल को उनके सवालों का जवाब दिया तो बीजेपी ने कहा कि सरकार को जवाब सार्वजनिक करना चाहिए। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए CM भूपेश ने कहा कि राजभवन से सवाल किया गया, क्या वो वैधानिक है। सरकार की ओर से जवाब के बाद अब फिर से सभी निगाहें राजभवन की ओर हो गई है। देखना होगा कब राज्यपाल इस संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करती हैं।
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2 hours ago