छत्तीसगढ़ शहरी निकाय चुनाव: भाजपा ने महापौर पद के लिए उम्मीदवार घोषित किये |

छत्तीसगढ़ शहरी निकाय चुनाव: भाजपा ने महापौर पद के लिए उम्मीदवार घोषित किये

छत्तीसगढ़ शहरी निकाय चुनाव: भाजपा ने महापौर पद के लिए उम्मीदवार घोषित किये

Edited By :  
Modified Date: January 26, 2025 / 06:59 PM IST
,
Published Date: January 26, 2025 6:59 pm IST

रायपुर, 26 जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को सभी 10 महापौर पदों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। महापौर पद के लिए चुनाव अगले महीने राज्य में अन्य निकाय चुनावों के साथ होंगे।

पूर्व सांसद मधुसूदन यादव को राजनांदगांव से, मीनल चौबे को रायपुर से, अलका बाघमार को दुर्ग से, पूजा विधानी को बिलासपुर से, संजय पांडेय को जगदलपुर से और मंजूषा भगत को अंबिकापुर से मैदान में उतारा गया है। वहीं धमतरी में मेयर पद के लिए जगदीश रामू रोहरा, चिरमिरी में रामनरेश राय, कोरबा में संजू देवी राजपूत और रायगढ़ में जीवर्धन चौहान पार्टी उम्मीदवार हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंह देव ने दोपहर में यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की।

मधुसूदन यादव राजनांदगांव में पूर्व में पार्षद और महापौर रह चुके हैं। वे 2009 के लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। इसके बाद, उन्होंने 2014 के नगरीय निकाय चुनावों में राजनांदगांव महापौर की सीट के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2018 में वे डोंगरगांव से विधानसभा चुनाव हार गए।

रायपुर नगर निगम में महापौर पद के लिए मैदान में उतरी मीनल चौबे नगर निगम में निवर्तमान पार्षद और विपक्ष की नेता हैं।

रायगढ़ नगर निगम में महापौर पद के लिए मैदान में उतरे जीववर्धन चौहान राज्य भाजपा की अनुसूचित जाति इकाई के सचिव हैं। वे रायगढ़ में चाय और पान की दुकान चलाते हैं।

दस नगर निगमों, 49 नगर परिषदों और 114 नगर पंचायतों सहित 173 निकायों के चुनाव 11 फरवरी को एक ही चरण में होंगे जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 17, 20 और 23 फरवरी को तीन चरणों में आयोजित किए जाएंगे।

2019-2020 में हुए पिछले शहरी निकाय चुनावों में, राज्य में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस को सभी 10 नगर निगमों में महापौर पद मिले थे।

पिछली बार महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुए थे – जनता सीधे पार्षदों का चुनाव करती थी और फिर पार्षद महापौर का चुनाव करते थे।

अप्रत्यक्ष पद्धति को 2019 में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने पेश किया था। इस बार, राज्य की विष्णु देव साय सरकार ने पिछली प्रणाली को बहाल कर दिया है जिसके तहत लोग सीधे महापौर का चुनाव करने के लिए मतदान करेंगे।

भाषा अमित नरेश

नरेश

Follow Us

Follow us on your favorite platform:

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers