रायपुर : CG Cabinet Expansion 2023 : प्रदेश और देश में अब मिशन 2024 की तैयारी के हिसाब से जमावट नजर आने लगी है। प्रदेश मंत्रिमंडल की तस्वीर से साफ है कि भाजपा ने एक-एक चेहरे को बड़े सोच-समझकर पद और जिम्मेदारी सौंपी है। CM, डिप्टी CM, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट गठन तक जातीय, क्षेत्रीय और नए-पुराने के समीकरणों को साधकर चुनावी चक्रव्यूह रच दिया गया है। लक्ष्य भी साफ है प्रदेश की 11 लोकसभा सीटें जीतना। सवाल है क्या इस चक्रव्यूह को विपक्षी कांग्रेस भेद पाएगी, क्या भाजपा की चुनावी जमावट का तोड़ है कांग्रेस के पास?
CG Cabinet Expansion 2023 : 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शपथ लेने के 9 दिन बाद, 22 दिसंबर को साय कैबिनेट के 9 मंत्रियों ने शपथ ली। मंत्रीमंडल गठन से साफ है कि, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के हिसाब से पूरा चक्रव्यूह रच लिया है। प्रदेश के 2 सबसे बड़े अंचल हैं बस्तर और सरगुजा सरगुजा से CM और तो बस्तर से प्रदेश अध्यक्ष बनाकर दोनों अंचलों का साधा गया है। आदिवासी मुख्यमंत्री के साथ-साथ मंत्रिमंडल 3 अलग-अलग इलाकों से 3 आदिवासी नेता शामिल हैं। जाहिर है इसका प्रभाव प्रदेश की कुल 11 लोकसभा सीटों में से 4 आदिवासी आरक्षित सीटें पर पड़ सकता है। लक्ष्मी राजवाड़े को मंत्रिमंडल में शामिल कर, पार्टी ने सरगुजा के लगभग 2 लाख राजवाड़े वोटर्स को पाले में लाने का प्रयास किया है। 4 लोकसभा क्षेत्रों की 32 सीटों में से 24 सीटों वाले बिलासपुर संभाग का खास ख्याल रखा गया है। ओपी चौधरी रायगढ़ से तो लखनलाल देवांगन और श्याम बिहारी जायसवाल कोरबा की जिम्मेदारी संभालेंगे। डिप्टी सीएम अरुण साव बिलासपुर लोकसभा में तैयारी करेंगे तो रायपुर लोकसभा क्षेत्र में टंकराम वर्मा जैसे फ्रेश और युवा के साथ वरिष्ठत्तम दिग्गज मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जीत की जिम्मेदारी संभालेंगे। उधर, दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में नवागढ़ से दयालदास बघेल, राजनांदगांव से स्पीकर डॉ रमन सिंह और डिप्टी CM विजय शर्मा के कंधों पर अहम जिम्मेदारी होगी। बस्तर में पार्टी अध्यक्ष किरणदेव के साथ-साथ मंत्री केदार कश्यप के रूप में दो शक्ति केंद्र बनाए गए हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि पार्टी नेतृत्व ने सभी क्षेत्रों, वर्गों के साथ हरएक की क्षमता और प्रतिभा के हिसाब से जिम्मेदारी तय की हैं, जिसका लाभ 24 में मिलना तय है।
CG Cabinet Expansion 2023 : इधर, कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में हुई बैठक में 2023 चुनाव में हार की समीक्षा पर कोई बात नहीं हुई, कांग्रेसका दावा है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार और साय मंत्रीमंडल में भारी असंतुलन है जिसका नतीजा एक महीने के भीतर नजर आएगा।
तो कुल मिलाकर चुनावी गणित और संख्या के हिसाब से भी भाजपा का गणित सेट है। जानकारों का मानना है कि मंत्रिमंडल में 2 ST मंत्री हैं जो 80 लाख जनजातीय आबादी को, 6 OBC मंत्री प्रदेश के सवा करोड़ OBC वोटर्स को, 1 SC मंत्र38 लाख अनुसूचित जाति समाज को और 2 सामान्य प्रदेश की 28 लाख सामान्य आबादी को साधने का काम करेंगे। यानि भाजपा के चुनावी समीकरण में ना कोई क्षेत्र छूटा दिखता है, न समाज, न वर्ग…सवाल है कांग्रेस राज्य में इन चक्रव्यूह से कैसे बचेगी, कैसे मुकाबला करेगी?