रायपुरः CG Land Revenue Code Amendment Bill छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है। कार्यवाही के तीसरे दिन सदन में छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक पर चर्चा की गई। विचार-विमर्श के बाद इस विधेयक को विधानसभा से पारित किया गया है। इस संसोधन विधेयक में कई अहम प्रावधान किए गए हैं। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ में निर्विवाद जमीन का स्वतः नामांतरण होगा। जियो रिफरेंस वाली जमीन की रजिस्ट्री के साथ नामांतरण होगा। धार-110 मामले का स्वतः नामांतरण होगा।
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CG Land Revenue Code Amendment Bill नए प्रावधानों के मुताबिक जमीन विवाद मामले में पक्षकार को डिजिटल मध्यम से भी नोटिस भेजा जा सकेगा। राजस्व न्यायालय में ऑनलाइन कागजात भी मंगवाए जा सकेंगे। भूमि अर्जन प्रक्रिया शुरू होने पर जमीन का डायवर्सन नहीं होगा। शासन को पत्र प्राप्त होते ही खरीदी और बंटवारा बंद होगा। इससे अधिक मुआवजा पाने के खेल पर पाबंदी लगेगी।
बता दें कि इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान कई मुद्दों पर सदन गरमाया। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने DMF मद से दंतेवाड़ा में कोरकोट्टी सड़क निर्माण और हिरोली सड़क हेल्थ सेंटर से कैंप तक की सड़क को लेकर सवाल पूछा। संतुष्टि-पूर्ण जवाब नहीं मिलने पर अजय चंद्राकर और मंत्री विजय शर्मा के बीच नोंकझोंक हो गई। चंद्राकर के सवाल पर विजय शर्मा घिर गए। इसके अलावा फायर सेफ्टी और हमर क्लीनिक निर्माण जैसी मुद्दों को लेकर भी सदन में तीखी बहस देखने को मिली।
छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के तहत भूमि नामांतरण और विवादों से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इसमें निर्विवाद जमीन का स्वतः नामांतरण, जियो रिफरेंस के साथ रजिस्ट्री, और डिजिटल माध्यम से नोटिस भेजने जैसे बदलाव शामिल हैं।
इस संशोधन में विवादित भूमि पर पक्षकार को डिजिटल नोटिस भेजने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही राजस्व न्यायालय में ऑनलाइन कागजात मंगवाने की सुविधा होगी, जिससे विवादों का समाधान जल्दी और पारदर्शी तरीके से हो सकेगा।
हां, इस संशोधन के तहत भूमि अर्जन प्रक्रिया शुरू होते ही भूमि का डायवर्सन (स्थान बदलने) पर रोक लग जाएगी। इसके अलावा, शासन को पत्र प्राप्त होते ही भूमि की खरीदी और बंटवारे की प्रक्रिया बंद हो जाएगी, जिससे अधिक मुआवजा लेने की कोशिशों पर पाबंदी लगेगी
संशोधन में कई अहम बदलाव किए गए हैं, जैसे निर्विवाद भूमि का स्वतः नामांतरण, जियो रिफरेंस से नामांतरण की प्रक्रिया, और विवादों के समाधान के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग। इससे राजस्व संबंधित प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और गति बढ़ेगी।
हां, यह संशोधन किसानों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि भूमि विवादों को जल्दी सुलझाने, भूमि के डायवर्सन पर रोक लगाने, और अधिक मुआवजा पाने के खेल पर पाबंदी लगाने से किसानों को उनके अधिकारों की रक्षा में मदद मिलेगी।