Reported By: Santosh Tiwari
,बीजापुर: CG Bijalpur Naxal News बस्तर में माओवाद को खत्म करने के लिए जवान लगातार जंगलों में घूम रहे हैं और लगातार सफलता भी मिल रहा है। वहीं माओवादी लगातार मिल रहे नुकसान से बौखलाए हुए हैं और हमेशा ये रणनीति बनाने के की फिराक में रहते हैं कि जवानों को कैसे नुकसान पहुंचाया जाए। वहीं कुछ जगहों पर नक्सली ग्रामीणों को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश में रहते हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है।
CG Bijalpur Naxal News मिली जानकारी के अनुसार, कोरचोली, रेड्डी इलाके का मामला की है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने शनिवार को दो ग्रामीणों का अपहरण किया था। जिसके बाद जनआदलत लगाया गया। इस दौरान दोनों ग्रामीणों को मौत की नींद सुला दी। मृतक ग्रामीण का नाम कमलू कोटाम है उसके साथ एक और ग्रामीण की भी हत्या कर दी है और शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
दोनों पर नक्सलियों ने पुलिस मुखबीरी का आरोप लगाया था। हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर डर की वजह से इसकी सूचना मृतक के परिजनों ने न पुलिस दी है और न ही इसकी कोई मामला दर्ज कराया गया है।
नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या पुलिस के लिए मुखबिरी करने के आरोप में की थी। दोनों को जनअदालत के दौरान मौत के घाट उतार दिया गया। यह घटना नक्सलियों द्वारा आम नागरिकों पर दबाव बनाने और अपने प्रभुत्व को बनाए रखने का प्रयास है।
बस्तर का क्षेत्र नक्सलवाद से प्रभावित है, जहां माओवादी लगातार सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में रहते हैं। इसके अलावा, नक्सलियों का प्रभाव कई छोटे-छोटे गांवों और ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिलता है, जहां वे अपनी मौजूदगी बनाए रखते हैं।
इस घटना के बाद पुलिस को सूचना नहीं दी गई है, क्योंकि मृतक के परिजनों ने डर के कारण न तो पुलिस को सूचित किया और न ही कोई मामला दर्ज कराया। पुलिस की कार्रवाई तब तक मुश्किल हो सकती है जब तक स्थानीय नागरिक इस पर आवाज न उठाएं।
जी हां, बस्तर में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं और जंगलों में सक्रिय माओवादी गुटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इन कदमों के बावजूद, नक्सलियों की रणनीतियां बदल रही हैं, और वे नागरिकों को निशाना बना रहे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो रही है।
ग्रामीणों को नक्सलियों से बचाने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा उनके इलाके में सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। इसके अलावा, जागरूकता फैलाने और स्थानीय निवासियों को नक्सलियों से डरने के बजाय उनके खिलाफ खड़ा होने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।