रायपुर, 15 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले एक साल में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी उपलब्धि हासिल की है तथा केंद्र और राज्य सरकार 31 मार्च, 2026 से पहले राज्य से इस समस्या को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शाह ने यहां पुलिस परेड मैदान में ‘राष्ट्रपति पुलिस कलर अवार्ड’ समारोह को संबोधित करते हुए नक्सलवाद से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति की सराहना की और नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि जब छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा तो पूरा देश इस समस्या से मुक्त हो जाएगा।
शाह ने कहा कि ‘राष्ट्रपति कलर अवार्ड’ सिर्फ एक पुरस्कार नहीं है, बल्कि यह सेवा, समर्पण और बलिदान का प्रतीक है तथा यह उन अनगिनत चुनौतियों की याद दिलाता है जिनसे पुलिस को निपटना होता है।
शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगी तथा अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने कहा, ”मुझे विश्वास है कि कल से जब छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान अपनी वर्दी पर यह प्रतीक चिह्न लगाकर निकलेंगे तब उनका मनोबल कई गुना बढ़ जाएगा।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर देंगे।
उन्होंने कहा कि जब छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त हो जाएगा तो पूरा देश इस समस्या से निजात पा लेगा।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले एक साल में 287 नक्सलियों को ढेर किया गया, 1,000 को गिरफ्तार किया गया और 837 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
शाह ने कहा कि देश के सुरक्षा बलों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले एक साल में नक्सलवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार दशक में पहली बार ऐसा हुआ है कि नक्सली हिंसा में मारे गए आम नागरिकों और सुरक्षा बलों की संख्या 100 से कम रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 10 साल में पूरे देश में नक्सलवाद पर लगाम लगी है।
शाह ने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नक्सलियों से अपील करना चाहूंगा कि हमारी राज्य सरकार ने बहुत अच्छी आत्मसमर्पण नीति बनाई है और इसलिए उन्हें हिंसा छोड़ देनी चाहिए। उन्हें मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए, विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए और छत्तीसगढ़ के विकास में भी योगदान देना चाहिए।’’
भाषा संजीव
सिम्मी
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