रायपुर/नयी दिल्ली/लखनऊ: Campaigning ends for Bhanupratappur देश के पांच राज्यों में विधानसभाओं की छह सीट और मैनपुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पांच दिसंबर को होने जा रहे उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान शनिवार शाम समाप्त हो गया। उत्तर प्रदेश (उप्र) में मैनपुरी लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से है।
Campaigning ends for Bhanupratappur वहीं, उप्र में रामपुर और खतौली, ओडिशा में पदमपुर, राजस्थान में सरदारशहर, बिहार में कुढ़नी और छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर शनिवार शाम चुनाव प्रचार का शोरगुल थम गया। इन विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न दलों ने कई रैली और रोड शो किये हैं। मुलायम सिंह यादव का अक्टूबर में निधन हो जाने के कारण मैनपुरी सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी है।
वहीं, अलग-अलग अदालतों द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद सपा विधायक आजम खान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विक्रम सिंह सैनी को अयोग्य घोषित किये जाने के कारण क्रमशः रामपुर सदर और मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक मैनपुरी लोकसभा सीट से छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि खतौली (मुजफ्फरनगर) और रामपुर विधानसभा क्षेत्र से क्रमश: 14 और 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे रघुराज सिंह शाक्य पर अपना दांव लगाया है। शाक्य इस साल की शुरूआत में हुए राज्य विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।
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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गुजरात विधानसभा चुनावों में अपने प्रचार कार्यक्रमों से समय निकालकर उप्र में उपचुनाव में मतदान करने के लिए तीनों क्षेत्रों का दौरा किया और जनसभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उप्र उपचुनावों से दूरी बना ली है, जिस कारण वहां भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जून के उपचुनाव में अपने प्रतिनिधित्व वाली आजमगढ़ लोकसभा सीट के साथ-साथ रामपुर संसदीय सीट पर भी प्रचार नहीं किया था, लेकिन उन्होंने इस बार अपनी रणनीति बदली और मैनपुरी में अपनी पत्नी के लिए जोरदार प्रचार किया। अखिलेश ने एक रैली में कहा, ‘‘इस लोकसभा क्षेत्र में नेताजी (मुलायम सिंह) ने काफी काम किये हैं। यहां नेताजी और सपा का हर परिवार से सीधा नाता है। वह यहां के लोगों को अपना परिवार मानते थे। नेताजी हर गांव और व्यक्ति का नाम जानते थे।’’
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रामपुर में मुकाबला भाजपा के आकाश सक्सेना और समाजवादी पार्टी के असीम राजा के बीच है। खतौली में सपा समर्थित रालोद के मदन भैया का मुकाबला भाजपा के अयोग्य घोषित किये गये विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी से है। लोकसभा की एक सीट और विधानसभा की छह सीट पर हो रहे उपचुनावों की मतगणना आठ दिसंबर को होगी, जिस दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की भी मतगणना होगी। उपचुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई है क्येांकि सत्तारूढ़ पार्टियों को अपने-अपने राज्यों में स्पष्ट बहुमत हासिल है। राजस्थान के सरदारशहर (चुरू) विधानसभा सीट पर कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार और कांग्रेस के अनिल कुमार शर्मा शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के अंतर्गत आने वाले भानुप्रतापपुर क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। यह सीट तब से रिक्त है। इस उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपनी पार्टी की ओर से प्रचार किया तथा भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रचार किया।
बिहार में कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जद(यू) उम्मीदवार मनोज सिंह की सफलता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मजबूती देगी, जबकि हार से उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े होंगे। ओडिशा में पदमपुर उपचुनाव के लिए बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2019 के बाद पहली बार प्रचार किया। वहीं, चार केंद्रीय मंत्रियों – नरेंद्र सिंह तोमर, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान और बिशेश्वर टुडू ने भाजपा उम्मीदवार प्रदीप पुरोहित के लिए प्रचार किया।