रायपुर : Conversion in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? सरगुजा-बस्तर में धर्मांतरण कैसे रुकेगा और सबसे बड़ सवाल ये कि धर्मांतरण के खिलाफ सरकार के पास ठोस रणनीति क्या है। जी हां एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी रार छिड़ गया है। सीएम विष्णुदेव साय के मिशनरी के आरोपों पर कांग्रेस ने उलटा बीजेपी को ही चैलेंज दे दिया है। तो ये चैलेंज क्या है और सरकार के पास रणनीति क्या है।
Conversion in Chhattisgarh : प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय नें धर्मांतरण पर प्रहार किया और हिंदुत्व को मजबूती देने की बात कही। जाहिर है विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के बयान से लग रहा है कि धर्मांतरण सिर्फ एक मुद्दा ही नहीं छत्तीसगढ़ की बड़ी समस्या है। क्योंकि ये बयान किसी बीजेपी नेता नहीं। बल्कि प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय का है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का मानना है कि प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिशनरियों का बोलबाला है। शिक्षा और स्वास्थ्य के जरिए मिशनरी ज्यादातर धर्मांतरण कराते हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बयान के बाद अब प्रदेश में सियासी धर्म युद्ध शुरु हो गया है। कांग्रेस बीजेपी को चुनौती दे रही है और आरोप लगा रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह कार्यकाल में सबसे ज्यादा धर्मांतरण हुए है।
Conversion in Chhattisgarh : दरअसल विधानसाभा चुनाव से पहले धर्मांतरण को लेकर बीजेपी हमेशा से मुखर रही है और इसे बड़ा मुद्दा भी बनाया। अब ऐसे में धर्मांतरण पर प्रहार और हिंदुत्व के मजबूती पर बयान देकर बीजेपी ने ये इशारा कर दिया है कि लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी इस पिच पर खेलने वाली है। बड़ा सवाल ये भी कि धर्मांतरण और हिंदुत्व जैसे बीजेपी के हथियार का कांग्रेस के पास क्या काट है…और इन मुद्दों से किसे कितना फायदा मिलेगा।
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