IBC24 Special Report: बिलासपुर। गरीब परिवारों को छत मुहैया कराने के लिए सरकार की कई योजनाएं संचालित हैं। ग्रामीण हो या फिर शहरी क्षेत्र इन योजनाओं के तहत सरकार गरीबों को आवास उपलब्ध कराती है। बिलासपुर के शहरी क्षेत्र में भी इन योजनाओं के तहत साढ़े 6 हजार से ज्यादा आवास गरीब परिवारों के लिए बनाए गए हैं। लेकिन इन आवासों के आबंटन और कब्जे को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहे हैं। कभी निर्माण तो कभी आबंटन करने वाली एजेंसी इसे लेकर सवालों के घेरे में रही है।
अब एक बार फिर ऐसे ही मामले में ये कहा जा रहा है कि, इन आवासों में बड़े पैमाने पर बाहरी लोगों का कब्जा हो गया है। पड़ताल के जरिए जानेंगे क्या वाकई में गरीबों के आवास में बाहरी लोगों का कब्जा है या सिर्फ इसे लेकर सियासी हंगामा मचाया जा रहा है। दरअसल आवास को लेकर इस हंगामे की शुरुवात हुई है बिलासपुर के देवरीखुर्द से…. यहां IHSDP यानी इंटीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत साल 2006-07 में गरीब परिवारों के लिए 400 आवासों का निर्माण कराया गया था। सभी आवास गरीब परिवारों को आबंटित भी कर दिए गए थे। लेकिन बीते कुछ दिनों से इन आवासों में रहने वाले लोगों को लेकर सवाल लगातार खड़े किए जा रहे थे। कुछ हिंदू संगठन इसे समुदाय विशेष से जोड़ते हुए उनपर अवैध कब्जे और अवैध गतिविधि संचालित करने का आरोप लगा रहे हैं।
इन आरोपों का पड़ताल करने जब IBC24 की टीम ग्राउंड जीरो देवरीखुर्द पहुंची। तब यहां पता चला कि, यहां रह रहे विशेष समुदाय के एक परिवार ने अपने मकान का स्वरूप बदलकर गुंबद का निर्माण कर लिया था और दरबार लगाकर झाड़ फूंक करने का काम करता था। बताया जा रहा है कि बीते दिनों इसी दरबार में आने जाने वाला एक युवक क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की को भगाकर उत्तर प्रदेश ले गया था। इस पूरे घटनाक्रम को हिंदू संगठनों ने लव जिहाद से जोड़ते हुए पुलिस से शिकायत की। तब पुलिस ने नाबालिग को यूपी से बरामद कर परिवारजनों को सौंपा।
इधर, समुदाय विशेष और आवास को लेकर मचे हंगामे और आरोपों के बीच पुलिस भी सक्रिय हो गई है। पुलिस ने आरोपों की तस्दीक शुरू कर दी है। प्रारंभिक तस्दीक में ये बातें सामने आईं हैं, कि आवास में कोई बाहरी नहीं बल्कि, आवास में अवैध निर्माण कर वहीं रहने वाला समुदाय विशेष का व्यक्ति दरबार लगाता था और झाड़ फूंक करता था। इसी मामले में मिले एक शिकायत पर पुलिस ने झाड़ फूंक कर अंधविश्वास फैलाने के आरोप में समुदाय विशेष के व्यक्ति के खिलाफ टोनही प्रताड़ना का मामला भी दर्ज किया है।
IBC24 Special Report: इधर, आवास के आबंटन और कब्जे को लेकर मचे इस हंगामे के बीच अब सवाल ये भी खड़े होते हैं कि निगम ने किन दस्तावेजों के आधार पर इन आवासों का अलॉटमेंट किया है। क्या वे दस्तावेज वेरिफाई किए गए हैं। इसका पड़ताल करने जब हम नगर निगम पहुंचे तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। जिस आवास को लेकर हंगामा मचाया जा रहा था, वो आवास समुदाय विशेष के व्यक्ति को अलॉटेड है। वर्ष 2007 में जरूरी दस्तावेज और पात्रता के साथ उसे अलॉट किया गया है। यही नहीं बाकी आवास भी वहां तब से ही अलॉटेड हैं।
हालांकि, इसके अलावा पड़ताल में आवासों के स्थिति को लेकर दूसरी बड़ी जानकारी भी सामने आई है। वर्ष 2010 से लेकर अब तक शहर के 39 अलग-अलग जगहों पर योजना के तहत गरीबों के लिए 6612 मकानों का निर्माण और आबंटन किया गया है। इसमें से 4066 मकानों में तो आबंटन के लिहाज से लोग रह रहे हैं। लेकिन 1440 मकानों में तालाबंदी है। यही नहीं 615 मकानों में लोग अवैध तरीके से काबिज हैं। वहीं 390 मकानों में लोग किराए में रह रहे हैं। निगम ने अब ऐसे लोगों को नोटिस जारी किया है।
इधर, नगर निगम और पुलिस के जांच में ये बात सामने आई है कि, आवास संबंधित को अलॉट किया गया है। यहां किसी बाहरी के होने की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं पुलिस ने भी आवास में झाड़ फूंक करने वाले संबंधित व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हालंकि इसके बाद भी आवास में कब्जे को लेकर मचे हंगामे पर अब सवाल उठता है कि, आखिर कार्रवाई के बाद भी इसका राजनीतिकरण कौन कर रहा है।
IBC24 Special Report: बहरहाल, आईबीसी 24 की पड़ताल में आपने जाना कि गरीबों के आवासों में बाहरी लोगों के कब्जे के आरोपों की क्या हकीकत है। जिस आवास पर समुदाय विशेष के कब्जे का आरोप लगाया जा रहा था, वो आवास उन्हें आबंटित किया गया है। कब्जाधारी ने अवैध निर्माण तोड़ दिया है। पुलिस भी आवासों में रहने वालों का वेरिफिकेशन कर रही है। ऐसे में इसके बाद भी आवासों पर कब्जे को लेकर जो माहौल बनाया जा रहा है वो समस्या कम और सियासत ज्यादा नजर आ रहा है।