Chhattisgarh Ganja Smuggler Railway Constable ||

CG Ganja Smuggler Constable: गांजा तस्करी करने वाले रेलवे पुलिस के बर्खास्त कॉन्स्टेबल ने बिलासपुर-कोरबा में बनाई थी करोड़ों की प्रॉपर्टी.. एसपी ने किये चौंकाने वाले खुलासे

यह मामला पुलिस विभाग में वर्दी का गलत इस्तेमाल और अपराध के संगठित स्वरूप का गंभीर उदाहरण है। सफेमा कोर्ट के निर्देशों के तहत आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना है। यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो कानून और वर्दी का दुरुपयोग कर अवैध धन अर्जित करते हैं।

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Modified Date: January 17, 2025 / 10:55 PM IST
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Published Date: January 17, 2025 10:55 pm IST

Chhattisgarh Ganja Smuggler Railway Constable : बिलासपुर: गांजा तस्करी के चर्चित मामले में पुलिस की फाइनेंशियल जांच के दौरान GRP आरक्षकों की करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। इन आरक्षकों ने न केवल अपनी वर्दी का दुरुपयोग किया, बल्कि कोरबा और बिलासपुर में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जुटाई। अब जप्त की गई इस संपत्ति का प्रतिवेदन सफेमा कोर्ट, मुंबई को भेजा जा रहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

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गांजा तस्करी रैकेट का पर्दाफाश

कुछ समय पहले, GRP (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) के आरक्षकों द्वारा गांजा तस्करी का संगठित रैकेट चलाने की बात उजागर हुई थी। इस मामले में शामिल आरक्षक लक्ष्मण गाइन, मन्नू प्रजापति और संतोष राठौर ने एंटी क्राइम टीम की आड़ में इस गैरकानूनी धंधे को अंजाम दिया। पुलिस ने तीनों आरक्षकों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन शुरू किया, जिसके चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।

Chhattisgarh Ganja Smuggler Railway Constable : जांच में पता चला है कि आरोपियों ने गांजा तस्करी से जुटाए गए पैसों से कोरबा और बिलासपुर में शानदार मकान, फ्लैट, लग्जरी बाइक, कार और बड़े बैंक डिपॉजिट जैसे संपत्तियां खरीदी हैं। इनकी कुल कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।

संपत्ति जप्त और सफेमा कोर्ट को रिपोर्ट

पुलिस ने आरोपियों की सभी संपत्तियों को जप्त कर लिया है। अब संपत्ति का पूरा विवरण सफेमा कोर्ट, मुंबई को भेजा जा रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद इन संपत्तियों को स्थायी रूप से फ्रिज (अपरिवर्तनीय) किया जाएगा।

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Chhattisgarh Ganja Smuggler Railway Constable : यह मामला पुलिस विभाग में वर्दी का गलत इस्तेमाल और अपराध के संगठित स्वरूप का गंभीर उदाहरण है। सफेमा कोर्ट के निर्देशों के तहत आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना है। यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो कानून और वर्दी का दुरुपयोग कर अवैध धन अर्जित करते हैं। इस प्रकरण ने न केवल पुलिस विभाग की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे कानून की आड़ में अपराध किए जा सकते हैं। अब सभी की नजरें सफेमा कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।

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गांजा तस्करी मामले में कौन-कौन से आरक्षक शामिल थे?

इस मामले में GRP के तीन आरक्षकों - लक्ष्मण गाइन, मन्नू प्रजापति और संतोष राठौर का नाम सामने आया है।

इन आरक्षकों पर क्या आरोप लगे हैं?

आरोप है कि इन आरक्षकों ने वर्दी का दुरुपयोग करते हुए एंटी क्राइम टीम की आड़ में संगठित रूप से गांजा तस्करी का रैकेट चलाया और अवैध धन अर्जित किया।

जांच में क्या खुलासा हुआ है?

जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने गांजा तस्करी से अर्जित पैसों से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जुटाई, जिसमें मकान, फ्लैट, लग्जरी वाहन और बैंक डिपॉजिट शामिल हैं।

पुलिस ने आरोपियों की संपत्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?

पुलिस ने आरोपियों की संपत्ति जप्त कर ली है और इसका विवरण सफेमा कोर्ट, मुंबई को भेज दिया गया है। कोर्ट के आदेश पर इन संपत्तियों को स्थायी रूप से फ्रिज किया जाएगा।

इस मामले का समाज और पुलिस विभाग पर क्या प्रभाव पड़ा है?

यह मामला वर्दी के दुरुपयोग और संगठित अपराध का गंभीर उदाहरण है। इससे पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा है और यह दर्शाता है कि कानून की आड़ में अपराध कैसे किए जा सकते हैं।
 
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