Bilaspur Gobar Paint Production Closed | बिलासपुर गोबर पेंट इकाई

Bilaspur Gobar Paint Unit: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाएं तोड़ रही दम.. अब गोबर पेंट इकाइयों में भी प्रोडक्शन पूरी तरह बंद, मशीने हो रही कबाड़..

गोबर पेंट इकाइयों में प्रोडक्शन बंद होने के बाद अब स्थिति यह है कि गोबर पेंट के मटेरियल खराब हो रहे हैं और मशीनें धूल खा रही हैं। सभी इकाइयों में ताला लग गया है और न तो कोई इसकी सुध लेने वाला है और न ही योजना के बारे में बात करने वाला है।

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Modified Date: January 14, 2025 / 10:30 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 10:30 pm IST

Bilaspur Gobar Paint Production Closed : बिलासपुर: पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाएं अब दम तोड़ने लगी हैं। कई योजनाओं पर ताला लग गया है, कई योजनाएं हासिए पर हैं। इसी में एक योजना गोबर पेंट इकाई की भी है, जो अब ठप्प हो चुकी है। गोबर पेंट इकाइयों में प्रोडक्शन बंद हो गई है, रॉ मटेरियल खराब और मशीनें धूल खा रहीं हैं।

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Bilaspur Gobar Paint Production Closed : दरअसल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गोबर के उपयोग और महिला समूहों को सशक्त बनाने के लिए राज्यभर में गोबर से पेंट बनाने की योजना शुरू की थी। इसके तहत बिलासपुर जिले में चार गोबर पेंट इकाई मोपका, गतौरा, रानीगांव और सेलर में स्थापित की गई थी। इसके लिए DMF और अन्य मदों से करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे। प्रति यूनिट केवल मशीनों के इंस्टॉलेशन और मटेरियल के लिए 30 लाख से अधिक और भवन के पीछे 10 लाख से अधिक खर्च किए गए थे। शुरुआत में पूरे उत्साह के साथ योजना पर काम शुरू हुआ था। इकाइयों में प्रोडक्शन के साथ गोबर से निर्मित पेंट की बिक्री भी शुरू हुई थी। लेकिन कम समय में ही योजना ने दम तोड़ना शुरू कर दिया। उच्च लागत और महंगे पेंट के कारण गोबर पेंट को वैसा मार्केट नहीं मिला, जैसा कि पूर्ववर्ती सरकार ने उम्मीद की थी। इसका असर हुआ कि समूहों ने भी काम बंद कर दिया।

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Bilaspur Gobar Paint Production Closed : इसके बाद, गोबर पेंट इकाइयों में प्रोडक्शन बंद होने के बाद अब स्थिति यह है कि गोबर पेंट के मटेरियल खराब हो रहे हैं और मशीनें धूल खा रही हैं। सभी इकाइयों में ताला लग गया है और न तो कोई इसकी सुध लेने वाला है और न ही योजना के बारे में बात करने वाला है। अधिकारियों को पूर्ववर्ती सरकार के इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वर्तमान सरकार के निर्देश का इंतजार है।

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