New Delhi
चार माह की कड़ी मेहनत की बदौलत सिमरन ने बोलिंग में जीती दो स्वर्ण पदक
बिलासपुर के रामा वर्ल्ड तिफरा निवासी सिमरन पुजारा ने स्पेशल ओलिंपिक्स एशिया पैसिफिक 2024 खेल में बेहतर प्रदर्शन किया। इसमें भाग लेने के लिए 12 देशों के खिलाड़ी शामिल हुए थे। सिमरन पुजारा ने बोलिंग में दो स्वर्ण (टीम और डबल्स इवेंट) और एक कांस्य पदक जीते। सिमरन की मां कविता पुजारा ने बताया कि मात्र महीने पहले की सिमरन ने बोलिंग खेलना शुरू की थी। उन्हें तैयारी करने के लिए महीने में दो – 3 बार BILASPUR से रायपुर आना पड़ता था। और बाकी समय घर पर ही सही खान पान और प्रतिदिन exercise करती थी, यही वजह है कि कड़ी मेहनत की बदौलत उन्होंने दो स्वर्ण पदक हासिल किया। वहीं इभानन साहू ने पुरुष वर्ग में दो रजत और एक कांस्य पदक हासिल किए। इबीनेज़र डेविड ने बोच्ची खेल में तीन कांस्य पदक (सिंगल्स, डबल्स, और टीम इवेंट) जीते। हेल्थ स्क्रीनिंग के लिए डायटिशियन कविता पुजारा का चयन हुआ
मां की मेहनत भी कम नहीं
सिमरन की मां कविता पुजारा ने बताया बेटी की मेहनत रंग लाई। वह बताती हैं सिमरन की कामयाबी बिलासपुर की कामयाबी है। कविता ने सिमरन को लेकर बहुत मेहनत की है। उन्होंने बेटी को बोलिंग के लिए हर संभव सहयोग किया। वे कई बार रायपुर लेकर आईं। सिमरन को प्रैक्टिस करवाई। सिमरन खेलों में बहुत इंट्रेस्ट लेती है। इसलिए कविता भी उसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पिता ललित पुजारा बेटी सिमरन की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं।
कोच ने दिलाई कामयाबी
सिमरन को बोलिंग में मिली कामयाबी से उन्हें कोच कर रहे कोच भी बेहद खुश हैं। उनका कहना है सिमरन एक स्पेशल चाइल्ड होकर भी हर गतिविधि में इनवॉल्व रहती है। वह मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ती। कोच के मुताबिक बोलिंग एक फिजिकल मेहनत का काम होता है। पकड़ बनाने के दौरान कई बार सिमरन के हाथ में दर्द हो जाता था, लेकिन न सिमरन पीछे हटी न उनकी मां कविता और न ही कोच। यह कामयाबी सिमरन की ही नहीं बल्कि बिलासपुर की है। कविता अरसे से स्पेशल चाइल्ड के पैरेंट्स के बीच उन्हें मोटिवेट करने के लिए काम कर रही हैं। वे कहती हैं यह बच्चे विशेष तरह से सक्षम होते हैं। इसलिए इन्हें पैरेंट्स ट्रेंड करें और ऐसी अनेक एक्टिविटीज में जोड़कर रखें।