बीजापुर: बस्तर के तेजतर्रार पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। घटना से जुड़े तस्वीरों में यह स्पष्ट है कि हमलावर ने धारदार हथियार से उनके माथे पर जोरदार वार किया। (Who killed Bastar journalist Mukesh Chandrakar?) अपराध को छिपाने के इरादे से उनके शव को एक नवनिर्मित सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया। इस जघन्य हत्याकांड की जांच बस्तर पुलिस गंभीरता से कर रही है और जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा होने की संभावना है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस नृशंस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “बीजापुर के समर्पित और निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार अत्यंत हृदयविदारक है। यह पत्रकारिता और समाज दोनों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। हमने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को यह असीम दुख सहन करने की शक्ति दें। ॐ शांति।”
बस्तर क्षेत्र के आईजी सुंदरराज पी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हत्या के मामले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, जिससे अपराध के कारणों को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द होगी और मामले की सच्चाई सामने आएगी।
हत्या के बाद पुलिस की जांच में रायपुर से कुछ अहम सुराग मिले हैं। रिपोर्टों के अनुसार, बीजापुर के चट्टानपारा में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर का शव बरामद किया गया। सुरेश के छोटे भाई रितेश चंद्राकर की कार (CG20-3333) रायपुर एयरपोर्ट पर खड़ी मिली। (Who killed Bastar journalist Mukesh Chandrakar?) जानकारी के अनुसार, रितेश गुरुवार सुबह 6:40 बजे दिल्ली की फ्लाइट से फरार हो गया। पुलिस की एक टीम को दिल्ली भेजा गया है, और जल्द ही संदिग्धों से पूछताछ शुरू होगी।
इस हत्याकांड ने बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के पत्रकार समुदाय को झकझोर दिया है। पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर के लिए न्याय की मांग करते हुए पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलाने की मांग की है। इस संवेदनशील मामले में आगे की जांच जारी है, और पूरे प्रदेश की नजरें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं।
मुकेश चंद्राकर बस्तर के तेजतर्रार रिपोर्टरों में शुमार थे। वे नक्सल संगठनों के बीच जाकर रिपोर्टिंग करने के लिए जाने जाते थे। यूट्यूब पर ‘बस्तर जंक्शन’ नाम का एक यूट्यूब चैनल भी है। इस चैनल पर कोर नक्सल इलाकों में रिपोर्टिंग के वीडियों साझा है। मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के जनअदालत और उनकी बैठकों को भी कई दफे कवर कर चुके है। उन्होंने माओवादियों द्वारा अपहृत डीआरजी के जवान के सकुशल रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। (Who killed Bastar journalist Mukesh Chandrakar?) मुकेश चंद्राकर इससे पहले एक अन्य हिंदी समाचार चैनल से भी जुड़े थे। उनका दावा था कि वह अपनी रिपोर्ट में बसतर के आदिवासी, आम लोग और बस्तर की जमीनी हकीकत को सामने रखते है।
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