बीजापुर नक्सली घटना, गांव में मकान बनाने की हसरत लिए विदा हुआ जवान |

बीजापुर नक्सली घटना, गांव में मकान बनाने की हसरत लिए विदा हुआ जवान

बीजापुर नक्सली घटना, गांव में मकान बनाने की हसरत लिए विदा हुआ जवान

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Modified Date: January 7, 2025 / 07:54 PM IST
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Published Date: January 7, 2025 7:54 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

दंतेवाड़ा, सात जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सली हमले में जान गंवाने वाले कांस्टेबल सुबरनाथ यादव अपने गांव में मकान बनाने की हसरत लिए हुए ही दुनिया से विदा हो गए।

यादव (23) के दोस्तों ने बताया कि तीन जनवरी को ही उन्होंने साथ में उनका जन्म दिन मनाया था। दोस्तों ने बताया कि यादव ने कहा था कि वह इस साल शादी करेगा और वादा किया था कि उन्हें बारात में ले जाएगा एवं गांव में अपने लिए मकान बनवाएगा। यादव के परिजन उनके विवाह के लिए योग्य वधु की तलाश में थे।

यादव उन आठ सुरक्षाकर्मियों में शामिल थे, जिन्होंने बीजापुर जिले के कुटरू इलाके में नक्सलियों द्वारा किए गए धमाके में अपनी जवान गंवा दी थी।

यादव के मित्र मनमोहन यादव ने बताया कि वर्दी पहनने और मातृभूमि की सेवा करने के अपने सपनों को पूरा करने के लिए सुबरनाथ 2022 में पुलिस बल में शामिल हुए थे, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी यात्रा लंबी नहीं चली।

सुबरनाथ यादव दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित छोटे तुमनार गांव के निवासी थे।

मनमोहन यादव ने बताया, ”तीन जनवरी को हमने सुबरनाथ का जन्मदिन मनाया था। वह यह कहकर समारोह से चले गए कि उन्हें (नक्सल विरोधी) अभियान के लिए जाना है। उन्होंने कहा था कि वह इस साल शादी करने की योजना बना रहा है और उसके लिए एक युवती की तलाश की जा रही है। इस वर्ष गांव में मकान बनाने की भी योजना थी।”

उन्होंने बताया कि सुबरनाथ की मां और तीन बहनें उनकी मौत की खबर मिलने के बाद सदमे में हैं।

मनमोहन ने बताया कि सुबरनाथ परिवार का एकमात्र कमाने वाला था क्योंकि उसके पिता की बहुत पहले मृत्यु हो गई थी। उनकी एक बहन की शादी हो चुकी है।

सुबरनाथ के चाचा ने बताया कि उन्होंने अपने भतीजे से आखिरी बार उसके जन्मदिन (तीन जनवरी) पर बात की थी और उसे शुभकामनाएं दी थीं। उसने कहा था कि वह अभियान से लौटने के बाद गांव आएगा।

इस नक्सली घटना में जान गंवाने वाले बस्तर फाइटर के एक अन्य जवान सुदर्शन वेट्टी के परिजन भी उनके परिवार को सांत्वना दे रहे हैं। वेट्टी दंतेवाड़ा जिले के गुमलनार गांव के निवासी थे।

वेट्टी का विवाह 2023 में हुआ था और उनका दो माह का बेटा है। आंख में आंसू लिए हुए उनकी पत्नी ने कहा कि वह चाहती हैं कि उनके पति के हमलावरों का भी यही हश्र हो।

उन्होंने कहा कि सरकार को बस्तर से नक्सलवाद को खत्म करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वेट्टी 2022 में बल में शामिल हुए थे।

वेट्टी के चाचा राम वेट्टी ने कहा, ”सुदर्शन पिछले साल अक्टूबर में दंतेवाड़ा-नारायणपुर के थुलथुली सहित कई नक्सल विरोधी अभियानों का हिस्सा थे, जिनमें सुरक्षा कर्मियों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था।”

दोनों जवानों के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया और ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद जवान अमर रहे’ के नारे लगाए।

सोमवार दोपहर जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे काफिले को निशाना बनाकार धामाका किया जिसकी चपेट में एक वाहन आ गया। इस घटना में सुरक्षाबल के आठ जवान जिनमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बस्तर फाइटर्स के चार-चार जवाना शामिल हैं तथा एक वाहन चालक की मृत्यु हो गई।

यह पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों पर सबसे बड़ा हमला था।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों ने इस हमले में लगभग 70 किलोग्राम वजनी बारूदी सुरंग का इस्तेमाल किया था। आठ मृत जवानों में से दो बीजापुर जिले के तथा अन्य पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले के थे। वाहन चालक बस्तर जिले का निवासी था।

उन्होंने बताया कि यह हमला उस समय हुआ जब सुरक्षाकर्मी तीन दिन के लंबे अभियान के बाद लौट रहे थे।

दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में मंगलवार को मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई तथा बाद में उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थानों पर भेज दिया गया।

भाषा सं संजीव अमित धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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