रायपुर । राज्य सरकार महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ महिला कोष का संचालन कर रही है। महिला कोष के माध्यम से महिलाओं के कौशल उन्नयन के साथ उन्हें व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए कम ब्याज दर में ऋण उपलब्ध कराकर सहयोग किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में महिला कोष ने 10 हजार 500 से अधिक महिलाओं को 10 करोड़ 70 लाख रुपए से अधिक ऋण राशि स्वीकृत की है, जो विगत 5 वर्षों में सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा ऋण योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह को दी जाने वाली ऋण राशि को दो लाख से बढ़ाकर चार लाख करने की घोषणा की गई थी। उनकी घोषणा के पालन में गत वित्तीय वर्ष में बड़ी संख्या में महिला समूह को 4 लाख रूपए का एकमुश्त ऋण स्वीकृत किया गया है।
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विभागीय मंत्री अनिला भेंड़िया के अनुरोध पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला कोष के बजट में ऐतिहासिक वृद्धि की है। पहले महिला कोष को एक या दो करोड़ रूपए का वार्षिक आबंटन उपलब्ध होता था, मगर वर्ष 2023-24 में 25 करोड़ रूपए का वार्षिक बजट उपलब्ध कराया गया है। महिला कोष द्वारा संचालित सक्षम योजना में दो करोड़ 63 लाख का ऋण स्वीकृत किया गया है, जो योजना शुरू होने के बाद किसी भी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किए गए ऋणों में सर्वाधिक है। ऋण योजना अंतर्गत 8 करोड़ 8 लाख का ऋण महिला स्व-सहायता समूहों को दिया गया है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार सक्षम योजना में भी वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्वीकृत राशि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में दोगुनी है। दोनों योजनाओं के तहत रायपुर जिले में प्रदेश में सर्वाधिक 1 करोड़ 60 लाख रुपए तथा उसके बाद दुर्ग जिले में 1 करोड़ 30 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं हाट बाजार और छोटे कार्यों के लिए ऋण लेने हेतु बैंक जाने में संकोच करती थीं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में नवीन कौशल्या समृद्धि योजना के लिए 25 करोड़ रूपए का बजट अतिरिक्त रूप से स्वीकृत किया है। इस योजना के शुरू होने से महिलाओं को महिला कोष से बड़ी राशि प्राप्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार महिला स्व-सहायता समूह का 11 करोड़ से अधिक के कालातीत ऋण राज्य सरकार के द्वारा माफ किया गया है। इसके बाद समूहों द्वारा ऋण की किश्त पटाने में नियमित उत्साह देखा गया है। गत वित्तीय वर्ष में कुल 4 करोड़ रुपए से अधिक ऋण की वापसी महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा की गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक श्रीमती दिव्या मिश्रा ने बताया है कि छत्तीसगढ़ महिला कोष की स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी तब से लेकर अभी तक ऋण योजना अंतर्गत 38000 स्व-सहायता समूहों को 97 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है तथा 4500 से अधिक महिलाओं को सक्षम योजना अंतर्गत 22 करोड़ रूपए का ऋण वितरण किया गया है। इस प्रकार महिला कोष के गठन पश्चात 120 करोड़ से अधिक का ऋण वितरण किया गया है।
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10 hours ago