जगदलपुरः छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य होगा, जो ओडिशा के बाद नेशनल पार्क क्षेत्र में वन संसाधन मान्यता पत्र दिए जाएंगे। इससे वनवासियों को रोजगार के साथ-साथ आय के लिए अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा जगदलपुर विधानसभा के मंगलपुर में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान की।
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इसके साथ ही कोटमसर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने आदिवासी युवकों को 15 जिप्सी वाहन दिये जाएंगे। सुकमा के दोरनापाल, कूकनार और तोंगपाल में भी स्वामी आत्मानंद स्कूल आरंभ किये जाएंगे। कनकापाल से लेदा और जीरम से एलमनार तक सड़क बनेगी। मावलीपदर, नेतानार, पंडरीपानी और माड़पाल में आदर्श देवगुड़ी की स्थापना होगी। मंगलपुर में मुख्यमंत्री से बाड़ी में फल-सब्जी का उत्पादन कर रही समूह की महिलाओं और किसानों ने संवाद किया और बताया कि बाड़ी प्रोत्साहन की योजनाओं से उनके आय में विशेष वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रहे हैं। समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी खरीद रहे हैं। इस पर मूल्य संवर्धन कर रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ग्रामीण नीलू बघेल के घर भोजन भी किया। ग्रामीणों को भेंट मुलाकात में बताया कि आज यहां का पपीता मैंने खाया है। बहुत अच्छा लगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बालिका काम्या को ट्रायसायकल प्रदान की।
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मुख्यमंत्री ने वनोपज संग्राहकों से विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने पूछा कि सबसे महंगा लघु वनोपज कौन सा है। ग्रामीण जनों ने बताया कि लाख सबसे कीमती वनोपज है इसकी कीमत 325 रुपए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे कीमती वनोपज चिरौंजी चार है। नेट लगाकर इसका संग्रहण किया जाए तो ज्यादा रेट मिलेगा।
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मंगलपुर की स्वसहायता समूह की सदस्य मती हेमवती कश्यप ने बताया कि उनके समूह में 43 महिलाएं हैं। शासन की बाड़ी योजना का लाभ लेने के लिए दस एकड़ में पपीता लगाया। लगभग 300 टन पपीते का उत्पादन 10 महीने में हो चुका है। यह पपीता 40 लाख रुपए में बेचा है और इससे 10 लाख रुपए की आय हुई है। हेमवती ने कहा कि समूह का ट्विटर एकाउंट भी है और इसमें हम नियमित पोस्ट भी करते हैं। आप भी हमारे पोस्ट लाइक करें और इन्हें रिट्वीट भी कीजिएगा।
कोल्हापुर के ग्रामीणों ने बताया कि यहां 15 साल बाद बिजली का सर्वे हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सीधे बिजली लाइन लगाना संभव न हो तो सोलर से बिजली की आपूर्ति करें। ग्रामीणों को बिजली को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
कांगेर वैली के खूबसूरत तीरथगढ़ जलप्रपात की सुंदरता को बेहतरीन व्यू से निहारते रहने नेचर ट्रेल बनाया गया है। 2 करोड़ 59 लाख रुपए की लागत से इसे बनाया गया है। एक करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से इको काटेज एवं प्रेजेंटेशन सेंटर बनाया जाएगा, मुख्यमंत्री ने इसके लिए भूमिपूजन किया।
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