जगदलपुर: Teachers with B.Ed will be removed from primary schools छत्तीसगढ़ में बी.एड और डी.एड के अभ्यर्थियों के बीच का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। इस मामले में आज डी.एड अभ्यर्थियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सरकार से कोर्ट के आदेश का पालन करने, बी.एड शिक्षकों को हटाकर डी.एड धारकों को नियुक्ति देने की मांग की है।
दरअसल, 2023 में कांग्रेस सरकार के दौरान डी.एड के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन उसी दौरान बी.एड और डी.एड, दोनों अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई। यह फैसला डी.एड अभ्यर्थियों को अस्वीकार्य लगा जिसके चलते उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
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इस मामले में बी.एड अभ्यर्थियों का कहना था, कि जब डी.एड के लिए नियुक्ति होनी थी। तब बी.एड को भी शामिल क्यों किया गया? करीब एक साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद यह मामला डी.एड के पक्ष में गया, लेकिन सरकार ने इस फैसले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
इस निष्क्रियता के चलते डी.एड अभ्यर्थी अब सड़कों पर उतरकर अपनी नियुक्ति को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें नियुक्ति दी जाए, जबकि बी.एड अभ्यर्थी अपनी नौकरी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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Teachers with B.Ed will be removed from primary schools गौरतलब है कि 2023 में छत्तीसगढ़ में लगभग 3000 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, जिसमें बस्तर के 1600 शिक्षक शामिल हैं। ये शिक्षक कई एकल शिक्षक स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अब कोर्ट के आदेश और सरकार की निष्क्रियता के चलते डी.एड और बी.एड अभ्यर्थियों के बीच संघर्ष गहराता जा रहा है।
इस मामले में आज डी.एड अभ्यर्थियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सरकार से कोर्ट के आदेश का पालन करने और उन्हें नियुक्ति देने की मांग की है।
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3 hours ago