रायपुर, 25 जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के जनजातीय कलाकार पंडी राम मंडावी का चयन पद्मश्री सम्मान के लिए किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नारायणपुर जिले के जनजातीय कलाकार पंडी राम मंडावी का नाम पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित होने पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने बताया कि यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी की शिल्पकला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया “पंडी राम मंडावी (68) गोंड मुरिया जनजाति से संबंधित हैं। वे पिछले पांच दशकों से बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि उसे नई पहचान भी दिला रहे हैं। उनकी विशेष पहचान बांस की बस्तर बांसुरी, जिसे ‘सुलुर’ कहा जाता है, के निर्माण में है।”
उनके मुताबिक, इसके अलावा, मंडावी ने लकड़ी के पैनलों पर उभरे हुए चित्र, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के माध्यम से अपनी कला को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है।
उन्होंने बताया कि मंडावी ने मात्र 12 वर्ष की आयु में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी और अपने समर्पण व कौशल के दम पर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
अधिकारियों के मुताबिक, “एक सांस्कृतिक दूत के रूप में उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन आठ से अधिक देशों में किया है। साथ ही, अपने कार्यशाला के जरिए एक हजार से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षण देकर इस परंपरा को नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का कार्य किया है।”
भाषा संजीव नोमान
नोमान
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)