बलरामपुर: Frequent attacks on police in Chhattisgarh , बलरामपुर जिला मुख्यालय के कोतवाली थाना के बाथरूम में आज एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी था । बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी गायब है इसे लेकर पुलिस की टीम उसे पिछले लगभग 10 से 15 दिनों से बुलाकर पूछताछ कर रही थी। आज भी उसे थाना में इसी काम से बुलाया गया था लेकिन उसकी लाश फांसी पर झूलती मिली है।
आपको बता दें कि मृतक का नाम दिलीप मंडल है और वह स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी था। मृतक की पत्नी रीना मंडल के संबंध में कोई घरेलू मामला थाने में दर्ज था, जिसके बाद से उसकी पत्नी गायब है, पुलिस की टीम इसी मामले में उसे लगातार बुलाकर पूछताछ कर रही थी। आज भी मृतक को पुलिस की टीम ने पूछताछ के लिए ही बुलाया था लेकिन शाम के समय उसकी लाश फांसी के फंदे पर झूलती हुई मिली।
इस मामले की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के अलावा स्थानीय लोगों की थाने में भारी भीड़ जमा हो गई। इस पूरे मामले में पुलिस की टीम कुछ भी भनक नहीं लगी और बड़ी भीड़ थाने के बाहर इकट्ठा हो गई। वहीं कांग्रेसियों ने इस मामले में हंगामा शुरू कर दिया है। कोतवाली थाना के बाहर कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी की और पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
वहीं मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाने में जमकर पथराव किया, पुलिस थाने के सामने लगी रेलिंग को नाराज भीड़ ने तोड़ दिया। आक्रोश देख पुलिस ने थाने के भीतर से आंसू गैस का गोला दागा और फिर भी भीड़ को ना हटते देख लाठीचार्ज कर थाने से खदेड़ा। फिलहाल भीड़ थाने से बाहर सड़क पर मौजूद है। इस घटना के बाद लोगों में ज़बर्दस्त आक्रोश है।
Frequent attacks on police in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में लगातार पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है, पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज लोग पुलिस पर हमला कर रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं कि बीते कुछ दिनों में बलौदाबाजार, कवर्धा, सूरजपुर और अब बलरामपुर में हुए भीषण हमले लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं कि आखिर पुलिस पर ये हमले क्यों हो रहे हैं।
attacks on police in baloda bazar , बीते 10 जून को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में प्रदर्शनकारियों ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था। सैकड़ों बाइक और कारों को फूंक दिया था। मामला यह था कि गिरौदपुरी धाम के पवित्र अमरगुफा के नजदीक जैतखांभ में हुई तोड़फोड़ को लेकर छत्तीसगढ़ का सतनामी समाज आक्रोशित था। जिसके बाद समाज के लोगों बलौदाबाजार जिले में जमकर बवाल मचाया। बलौदाबाजार-भाटापारा में जमकर प्रदर्शन किया। गुस्साई भीड़ ने कलेक्ट्रेट पर जमकर पथराव किया। हिंसक भीड़ ने इस दौरान कलेक्टर कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगा दी। इससे परिसर में खड़े 250 से ज्यादा मोटरसाइकिल और चार पहिया वाहन जलकर राख हो गये। यहां तक कि दमकल की गाड़ी में भी आग लगा दी गई। पुलिस ने भीड़ को किसी तरह भगाया। इस मामले में सैकड़ों की संख्या में लोग हिरासत में लिए गए थे।
attacks on police in kawardha कवर्धा के लोहारडीह गांव में 15 सितंबर को एक युवक की हत्या के बाद बवाल बढ़ गया। यहां हत्या का आरोप लगाकर लोगों ने पूर्व सरपंच के मकान में आग लगा दी। आगजनी में पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू की मौत हो गई। इस दौरान गांव के लोगों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। जिसके बाद पथराव हुआ, इस पथराव में कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव और दर्जनों पुलिसकर्मियों को चोटें आई। लोहारीडीह गांव में बवाल के बाद लोगों ने पुलिस वालों को गांव में घुसने नहीं दिया। एसपी समेत पुलिस जवानों के साथ झूमा झटकी और पथराव की गई है। घटना को बढ़ता देख जिलेभर से पुलिस जवान और सैकड़ों बटालियन के जवानों को बुलाया गया है। जिसके बाद ग्रामीण गांव छोड़कर फरार हो गये, तब जाकर पुलिस गांव में घुस पाई, और स्थिति को कंट्रोल किया।
attacks on police in surajpur इसके बाद 14 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस डबल मर्डर के बाद शहर में तनाव की स्थिति बन गई। नाराज लोगों ने थाने के सामने धरना दिया और जमकर नारेबाजी की। इतना ही नहीं गुस्साई भीड़ ने हत्या के आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया, घटना के विरोध में शहरवासियों ने इलाके की सारी दुकानों को भी बंद कर दिया। पूरे शहर और आसपास के इलाके में तनावपूर्व हालात बन गए, मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया। पुलिस के आला अधिकारी लगातार लोगों को समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन भीड़ ने एक न सुनी।
सूरजपुर में हुए डबल मर्डर का आरोपी कुलदीप साहू नाम के आदतन बदमाश पर है, वारदात के बाद गुस्साई भीड़ ने संदेही कुलदीप साहू के पुराना बाजार स्थित मकान को आग के हवाले कर दिया। आरोपी कुलदीप साहू एनएसयूआई का पूर्व महासचिव निकला, घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम जगन्नाथ वर्मा भी मौके पर पहुंचे, उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, इस दौरान लोगों की एसडीएम से ही झड़प हो गई, फिर एसडीएम साहब ने भागकर अपनी जान बचाई।
इस तरह से देख सकते हैं कि अपराध की घटनाओं से नाराज लोग लगातार पुलिस को निशाना बना रहे हैं।
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