Villagers forced to drink dirty river water

Balrampur News: आजादी के 75 साल बाद भी जिले में है मूलभूत सुविधाओं का अभाव, नदी- नालों का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण,

Balrampur News: आजादी के 75 साल बाद भी जिले में है मूलभूत सुविधाओं का अभाव, नदी- नालों का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण Villagers forced to drink dirty river water

Edited By :   Modified Date:  July 29, 2023 / 10:47 AM IST, Published Date : July 29, 2023/10:20 am IST

बलरामपुर: Villagers forced to drink dirty river water बलरामपुर जिले में आज भी कुछ इलाके ऐसे हैं जहां ग्रामीण नदी नालों का पानी पीने के लिए मजबूर है। गांव में न तो बिजली है और न ही सड़क। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है। ग्रामीण शासन प्रशासन पर उपेक्षा करने का आरोप भी लगा रहे हैं। वहीं मामले में जिले के कलेक्टर ने गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही, लेकिन गांव की तस्वीरें शासन प्रशासन के विकास के दावों की पोल जरूर खोल रही है। यह इलाका है गुरमुटी गांव के मढ़ना से लगे हुए धौरपुर गांव की जहाँ पर करीब 10 से 12 घरों की आबादी निवास करती है और यहाँ की जनसंख्या करीब 50 से 60 के आसपास है।

Read More: Bhopal News: शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी वन्दे भारत एक्सप्रेस में आग, रेलवे जल्द जारी करेगा अधिकारिक जांच रिपोर्ट

बता दें कि ये गांव नदी और जंगलों से घिरा हुआ गांव है यहाँ तक पहुंचने के लिए मोरन और इरिया दो बड़ी नदियों को पार करना पड़ता है और दूसरी ओर 10 किलोमीटर का जंगली रास्ता तय करके सूरजपुर जिले के गोविंदपुर पहुंचना पड़ता है और यही कारण है कि गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंचती है, जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने से ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है।

Read More: Raipur News: आज छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण और ई-लाइब्रेरी का लोकार्पण करेंगे मुख्यमंत्री, कोरबा को देंगे विकास की सौगात

Villagers forced to drink dirty river water गांव में पेयजल के लिए मनरेगा से कुंआ तो बना हुआ है लेकिन गहराई कम होने की वजह से कुएं में पानी नहीं है और ग्रामीण नदी का पानी पी रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात में नदी में बाढ़ की स्थिति बन जाने के बाद गांव टापू में तब्दील हो जाता है और फिर ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके अलावा ग्रामीण अपना पीडीएस का राशन लेने भी नहीं जा पाते इसलिए उन्हें बरसात के समय दो या तीन माह का राशन इकट्ठा करके घर में रखना पड़ता है।

बिजली की व्यवस्था नहीं

गांव में बिजली की व्यवस्था नहीं है प्रशासन ने वैकल्पिक तौर पर करीब पाँच वर्ष पहले सोलर लाइट की व्यवस्था की थी, लेकिन सोलर की बैटरी अब खराब हो चुकी है और क्रेडा विभाग इसकी मरम्मत भी नहीं करवा रहा है,जिससे ग्रामीणों को अंधेरे में ही गुजर बसर करना पड़ता है। धौरपुर गांव रिर्जव फारेस्ट में बसा हुआ है और यहाँ हाथियों का उत्पात भी देखने को मिलता रहता है,जिससे ग्रामीणों को हमेशा डर बना रहता है और आज भी गांव में कई ऐसे घर है जिन्हें हाथियो ने तोड़ दिया है।

Read More: Bhopal News: भारी बारिश के चलते एक ही दिन में दो सड़क हादसे, 4 घायल, 2 की हालत गंभीर

Villagers forced to drink dirty river water ग्रामीणों के मुताबिक चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा गांव में आकर झूठे वादे किए जाते हैं लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद गांव में दोबारा कोई झाँकने तक नहीं आता है। वहीं मामले में जिले कलेक्टर गांव में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का आस्वाशन देते नजर आए । आजादी के 75 साल बीत जाने पर एक तरफ जहां पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो दूसरी तरफ बलरामपुर जिले के ग्रामीण इलाकों के तस्वीर इस महोत्सव को मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है। बहरहाल देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कब इस गांव की तस्वीर और तकदीर बदलेगी।

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें