बलरामपुर।Balrampur News: आजादी के 77 साल बाद एक तरफ दुनिया जहां चांद पर पहुंचने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर बलरामपुर जिले के मदपुर में ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।आइबीसी 24 कि टीम ने इस गांव का मुआयना किया और जो तस्वीर देखी वो वाकई काफी खराब थी। जिला मुख्यालय बलरामपुर से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित है। यह ग्राम पंचायत मनोहरपुर का आश्रित गांव है और यहां की आबादी भी अच्छी खासी है। यहां मूलरूप से नगेसिया एवं आदिवासी जनजाति के लोग निवास करते हैं। लेकिन इस गांव में पहुंचना काफी कठिन है।
घर का राशन लाना मुश्किल
पहाड़ी पर बसा यह गांव मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है और यहां जाने के लिए न तो बेहतर सड़क है और न ही दूसरा कोई अन्य मार्ग। यहां के लोग सड़क नही होने के कारण बेहद परेशान हैं अगर उन्हें राशन भी लाना हो तो लगभग 2 किमी का सफर तय करते हैं और एक साथ राशन घर नहीं ला पाते क्योंकि सड़क ही नहीं है। सड़क नहीं होने के कारण ये नीचे से अपना राशन दो या तीन बार में घर तक ला पाते हैं। इसके अलावा कोई बीमार पड़ गया तो उसे या तो झेलगी या फिर खाट में लेकर सड़क तक लेकर जाते है। इस दौरान कई लोगों की जान भी जा चुकी है।
Balrampur News: वहीं सड़क के अलावा यहाँ की दूसरी सबसे बड़ी समस्या पानी की है। गांव में एक या दो हैंडपम्प है लेकिन वह भी ड्राई हो चुका है। पानी के लिए गांव की महिलाएं गांव से दूर बिछनी नदी में चुआं बनाकर पानी लाती हैं। सालों से गांव की तस्वीर ऐसी ही है लेकिन आज तक किसी ने बदलने की कोशिश नहीं की। जिस वजह से ग्रामीण आज तक आदिमकाल का जीवन जीने को मजबूर हैं।