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बालोद: Maa Kaushalya Dham Balod: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में जंगलों के बीच स्थित श्री जामड़ी पाटेश्वर धाम में एक भव्य और अद्वितीय मॉ कौशिल्या मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। यह मंदिर 108 फीट ऊँचा, 136 फीट लंबा और 65 फीट चौड़ा होगा, जिसे ठोस पत्थरों से निर्मित किया जा रहा है। इस भव्य मंदिर को ‘मॉ कौशिल्या धाम’ के नाम से जाना जाएगा। इस मंदिर का निर्माण लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है और इसमें कुल तीन तल होंगे।
Maa Kaushalya Dham Balod: मंदिर के प्रथम तल का निर्माण वर्ष 2022 में पूर्ण हो चुका है। इस तल में भगवान आशुतोष महादेव की प्रतिमा स्थापित की गई है। अब मंदिर के मध्य तल का निर्माण कार्य जारी है, जो कि अत्यंत भव्य होगा। इसी तल में मॉ कौशिल्या की दुर्लभ मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिसमें वे रामलला को गोद में लिए हुए होंगी। यह पहली बार है जब मॉ कौशिल्या की ऐसी प्रतिमा निर्मित की जा रही है। इस ऐतिहासिक मूर्ति की स्थापना वर्ष 2026 में की जाएगी।
Maa Kaushalya Dham Balod: इस भव्य मंदिर का निर्माण राजस्थान से मंगवाए गए विशेष लाल पत्थरों पर कुशल कारीगरों द्वारा नक्काशी कर किया जा रहा है। भरतपुर से लाए गए इन पत्थरों पर बारीक नक्काशी की जा रही है, जिससे मंदिर की सुंदरता और भव्यता में चार चाँद लग रहे हैं।
Maa Kaushalya Dham Balod: मॉ कौशिल्या मंदिर में भक्तों के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था होगी, जिससे एक समय में लगभग 5000 लोग माँ के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर के मध्य तल में मॉ कौशिल्या का गर्भगृह, रंग मंडप, नृत्य मंडप और कल्याण मंडप का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर में सनातन हिंदू धर्म के समस्त देवी-देवताओं की कुल 108 मूर्तियाँ स्थापित की जाएँगी।
Maa Kaushalya Dham Balod: मॉ कौशिल्या की मूर्ति देश में पहली बार बनाई जा रही है। यह सात फीट ऊँची श्वेत संगमरमर की अत्यंत सुंदर मूर्ति होगी। इसके साथ ही सिंहासन को गोल्ड कोटेड किया जाएगा, जो वर्ष 2026 तक स्थापित कर दिया जाएगा। यह मूर्ति मंदिर की सबसे खास और आकर्षक विशेषता होगी।
Maa Kaushalya Dham Balod: श्री जामड़ी पाटेश्वर धाम केवल आज ही नहीं, बल्कि कई वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। दूर-दूर से भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना रहता है। इस धाम में पिछले सात वर्षों से ‘सीता रसोई’ संचालित है, जहाँ आने वाले भक्तों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है। जंगल के बीच स्थित इस धाम में भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।
मॉ कौशिल्या धाम छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में, जंगलों के बीच स्थित श्री जामड़ी पाटेश्वर धाम में स्थित है।
इस मंदिर का निर्माण कब तक पूरा होगा?
मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है, और वर्ष 2026 तक मॉ कौशिल्या की मूर्ति की स्थापना की जाएगी।
इस मंदिर की खास विशेषताएँ क्या हैं?
यह मंदिर 108 फीट ऊँचा, 136 फीट लंबा और 65 फीट चौड़ा होगा। इसमें तीन तल होंगे, और मध्य तल में मॉ कौशिल्या की दुर्लभ मूर्ति रामलला को गोद में लिए हुए स्थापित होगी।
क्या यहाँ भक्तों के लिए कोई विशेष सुविधा है?
हाँ, यहाँ एक बार में 5000 भक्त दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा, 'सीता रसोई' में निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी है।
इस मंदिर का निर्माण किन सामग्री से किया जा रहा है?
मंदिर का निर्माण राजस्थान के विशेष लाल पत्थरों से किया जा रहा है, जिन पर कुशल कारीगरों द्वारा उत्कृष्ट नक्काशी की जा रही है।