अंबिकापुर। आदिवासी बाहुल्य इलाके में एक ऐसा खेल खेला जा रहा है जिसमें आदिवासी लड़कियों को मोहरा बनाकर उनका शोषण किया जा रहा है। खास बात ये की इसकी जानकारी शासन-प्रशासन को होने के बाद भी इस पर कार्रवाई के लिए कोई पहल नहीं हो सकी है। कानून के जानकारों का कहना है कि इसमें प्रशासन स्वयं से आगे आकर कार्रवाई कर सकता है मगर कार्रवाई की हिम्मत अब तक किसी ने नहीं दिखाई है।
आदिवासी लड़कियों से विवाह राचाइये और उनकी संपत्ति का मालिकाना हक पाइए.. जी हां सुनकर आपको थोड़ा आश्चर्य जरूर हो रहा होगा मगर आदिवासी बाहुल्य सरगुज़ा संभाग में ये खेल सालों से खेला जा रहा है, जहां आदिवासी लड़कियों से शादी करने का खेल इसलिए खेला जा रहा है ताकि इससे जमीन के बंदरबांट और राजनीति पहुंच बनाई जा सके। चलिए इस खेल को आपको समझाते भी हैं। दरअसल, सरगुज़ा संभाग आदिवासी बाहुल्य इलाका है जहां आदिवासियों की जमीन की खरीद बिक्री पर गैर आदिवासी वर्ग को रोक है।
इसके अलावा पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, विधानसभा जैसे ज्यादातर सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। इसी का फायदा उठाने के लिए गैर आदिवासी पुरुष आदिवासी लड़कियो से शादी कर रहे है, जिसके बाद आदिवासी लड़कियों के नाम पर जमीन का खेल खेला जा रहा है। इसके साथ ही लड़कियो को चुनाव लड़वाकर राजनीतिक पहुंच भी बनाई जा रही है। सामाजिक संगठन के लिए काम करने वाले लोगों का भी कहना है कि ये एक तरह का ह्यूमन ट्रिफिकिंग ही है, जिसमें शादी के बाद सिर्फ नाम के लिए पत्नी का दर्जा दिया जाता है, जबकि उनसे सन्तान की प्राप्ति भी नहीं की जाती। ऐसे में सामाजिक संगठन के लोग इस मामले में नए कानून बनाकर इसे रोकने की मांग कर रहे हैं।
अंतर्जातीय विवाह और बालिका होने पर अपनी इक्षा से विवाह के विरुद्ध कोई कानून नहीं है। इसी का लाभ पाकर खास तौर पर कुछ विशेष समुदाय के लोग इसका बेजा लाभ ले रहे हैं, मगर कानून के जानकारों का मानना है कि इस तरह के प्रकरण में प्रशासन स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकता है। इस तरह के मामलों में जब तक महिला जीवित है तब तक ही उसका गैर आदिवासी पति संपत्ति का उपभोग कर सकता है, इसके बाद प्रशासन धारा 170 के तहत समपत्ति से बेदखली की कार्रवाई कर सकता है।
कानून के जानकारों का कहना है कि एक भी प्रकरण में प्रशासन के द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नही की गई बल्कि सांठगांठ कर संपत्ति गैर आदिवासी को स्थानांतरित कर दी जा रही है जो कि गंभीर चिंता का विषय है। सरगुज़ा संभाग में चल रहे इस खेल का आईबीसी 24 ने खुलासा किया था, जिसके बाद संभाग कमिश्नर कार्यालय से संभाग के सभी कलेक्टरों से इस तरह के प्रकरण की जानकारी मांगी गई थी, जो महीनों बीत जाने के बाद भी प्राप्त नहीं हो सकी है। संभाग कमिश्नर के दफ़्तर से भी कैमरे के सामने कुछ न कहकर जानकारी न मिल पाने और रिमाइंडर नोटिस भेजने का जवाब देकर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी की इति श्री मान रहे है जो कि कई सवाल खड़े करता है। IBC24 से अभिषेक सोनी की रिपोर्ट
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