Reported By: Abhishek Soni
,अंबिकापुर। ambikapur school condition बारिश के दिनों में कहीं नाला पार कर जान जोखिम में डाल स्कूल पहुच रहे छात्र, कहीं किचन शेड में लग रहा स्कूल तो कहीं शौचालय में हो रही पढ़ाई। सरगुजा जिले के सरकारी स्कूलों की दशा अत्यंत सोचनीय है। शिक्षकों की कमी, अव्यवस्थाओं और जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
जिले के अधिकारी सुसज्जित कार्यालयों में बैठकर गुणवत्ता युक्त शिक्षा का दम भरते नजर आते हैं। जबकि धरातल में गुणवत्तायुक्त शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलते नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड में देखने को मिला। जहां जर्जर शौचालय और किचन शेड में अव्यवस्थाओं के बीच स्कूल का संचालन किया जा रहा है। और मौत के साए तले बच्चे नदी पार कर जर्जर शौचालय और किचन शेड में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
school students studies in toilet ग्रामीणों के द्वारा कई बार शासन प्रशासन से स्कूल भवन निर्माण कराए जाने की मांग की गई है। परंतु आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका। शिक्षा सत्र 2024-25 में लखनपुर विकासखंड के ग्राम तुनगुरि अहीरपारा प्राथमिक शाला का भवन नहीं होने से लगभग सवा महीने से प्राथमिक शाला के जर्जर शौचालय और किचन शेड में स्कूल का संचालन किया जा रहा है।
इस प्राथमिक शाला में लगभग 22 बच्चे अध्यनरत है। जहां तीन शिक्षक पदस्थ है। जर्जर शौचालय को कार्यालय बनाया गया। वहीं जर्जर छोटे से किचन शेड में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। सवा महीने से बच्चे मौत के साए तले नदी पार कर जर्जर शौचालय और किचन सेड में पढ़ाई करने को मजबूर है। तुनगुरी अहिरपारा प्राथमिक शाला में बच्चों के लिए न तो बैठने की व्यवस्था, न पानी न ही शौचलय की व्यवस्था है। अव्यवस्थाओं के बीच बीच स्कूल का संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के मासूम बच्चे जर्जर शौचालय और किचन सेड में अपना भविष्य गढ़ रहे हैं।
आखिरकार जिले के जिम्मेदार अधिकारी इससे बेखबर हैं तुनगुरी अहीरपारा प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक मनबोध राम पण्डो ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में स्कूल का संचालन निजी मकान में किया जा रहा था। किसी कारणवश प्रधान पाठक छत्रपाल के कहने पर स्कूल का संचालन चबूतरा में किया जा रहा था। बारिश का मौसम होने के कारण जर्जर शौचालय और किचन सेड में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। भवन के अभाव में बच्चों को पढ़ाई कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भवन को लेकर संकुल समन्वयक और खंड शिक्षा कार्यालय में मांग किया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल भवन जर्जर होने से भवन को 1 वर्ष पूर्व डिस्मेंटल कर दिया गया था। पिछले 1 वर्ष से स्कूल भवन की मांग की जा रही है। परंतु आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका। बच्चों को पढ़ाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शासन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। बच्चे जर्जर शौचालय और किचन शेड जिसमे पानी टपक रहा, फर्श गिला रहता है। उसी में बैठकर बच्चे पढाई कर रहे हैं। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। अगर भवन का निर्माण नहीं होता है तो बच्चों को पढ़ाई के लिए नहीं भेजेंगे।