Bulldozer Action in Chhattisgarth || Reaction of former Deputy Chief Minister TS Baba

Chhattisgarth Bulldozer Action: ‘अम्बिकापुर में नहीं मिला कोई रोहिंग्या’.. साय सरकार के ‘बुलडोजर एक्शन’ पर क्या आपने पढ़ा ‘बाबा’ का रिएक्शन?..

महामाया पहाड़ की वन भूमि पर बड़ी संख्या में लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था। चार दिन पहले वन विभाग ने नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने विरोध किया, लेकिन प्रशासन ने 40 घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

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Modified Date: January 22, 2025 / 07:19 PM IST
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Published Date: January 22, 2025 7:17 pm IST

Bulldozer Action in Chhattisgarth : रायपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बुलडोजर वाले बयान पर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बलपूर्वक कार्रवाई करने की कोई जगह नहीं है। संविधान और कानून के तहत किसी भी नियम को नजरअंदाज करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि चाहे वह बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो, जबरन बेदखली हो, या किसी को जेल में डालने की बात हो, किसी भी प्रकार की दादागिरी गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस विषय पर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है और निर्देश जारी किए हैं।

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चुनाव प्रक्रिया पर उठाए सवाल

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सिंहदेव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के बावजूद चुनाव प्रक्रिया में कई खामियां हैं। उन्होंने कहा कि EVM के साथ VVPAT उपलब्ध नहीं है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। मेयर और पार्षद के वोट एक ही मशीन में डालने से मतदाताओं में असमंजस की स्थिति बन रही है। साथ ही, यदि उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती है, तो अतिरिक्त मशीनों की उपलब्धता को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। कलेक्टर स्तर पर भी चुनावी प्रक्रिया में अनिश्चितता बनी हुई है।

महामाया पहाड़ का विवाद और बुलडोजर कार्रवाई

Bulldozer Action in Chhattisgarth : अंबिकापुर के महामाया पहाड़ में अतिक्रमण के मामले में सिंहदेव ने कहा कि चाहे किसी भी समुदाय के लोग हों, 2005 के बाद बसे सभी अतिक्रमणकारियों पर समान रूप से कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल एक क्षेत्र में कार्रवाई करने से अन्य इलाकों में मौजूद अतिक्रमण पर सवाल उठते हैं। डिप्टी कलेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, वहां कोई रोहिंग्या नहीं मिला है। जांच में यह सामने आया कि 160 लोग छत्तीसगढ़ से, 40 झारखंड से, 26 बिहार से और 28 मध्यप्रदेश से हैं।

सिंहदेव ने कहा कि वन और राजस्व भूमि को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन बेदखली के नोटिस जारी कर दिए गए। उन्होंने यह भी बताया कि 2007 से 2016 के बीच रमन सिंह सरकार के दौरान लगभग 60 परिवार वहां बसे थे। यह मामला बेवजह राजनीतिक मुद्दा बनाया गया है।

क्या है बुलडोजर विवाद?

महामाया पहाड़ की वन भूमि पर बड़ी संख्या में लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था। चार दिन पहले वन विभाग ने नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने विरोध किया, लेकिन प्रशासन ने 40 घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

ओपी चौधरी का बयान

Bulldozer Action in Chhattisgarth : वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, “महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण से सरगुजा का गौरव आहत हो रहा था। पहाड़ सिसक रहा था, लेकिन अब उसे न्याय मिला है।”

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प्रश्न 1: महामाया पहाड़ का विवाद क्या है?

महामाया पहाड़ पर बड़ी संख्या में लोगों ने वन भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया और 40 घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

प्रश्न 2: क्या अतिक्रमणकारियों में रोहिंग्या शामिल थे?

डिप्टी कलेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, अतिक्रमणकारियों में कोई रोहिंग्या नहीं मिला। वहां के लोग छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और मध्यप्रदेश से थे।

प्रश्न 3: बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने बलपूर्वक कार्रवाई के खिलाफ निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि ऐसी कार्रवाई संविधान और कानून के तहत होनी चाहिए।

प्रश्न 4: टीएस सिंहदेव का इस मामले पर क्या कहना है?

उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। 2005 के बाद बसे सभी अतिक्रमणकारियों पर समान रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रश्न 5: बुलडोजर कार्रवाई को लेकर विवाद क्यों हो रहा है?

विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि यह मामला राजनीतिक मुद्दा बन गया है। साथ ही, कार्रवाई में भेदभाव और प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
 
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