अभिषेक सोनी… बस्तर/अंबिकापुर। बस्तर संभाग में बीते 4 महीना से सरकारी स्कूल में मिड डे मील की थाली खाली है वैसे तो मध्यान में भोजन के मेन्यू के अनुसार सालों से भोजन बच्चों को नहीं मिल रहा है। लेकिन, इस समय हालात इसलिए खराब है कि शासन की ओर से मध्यान भोजन के लिए दिए जाने वाला फंड बीते 4 महीने से स्कूलों तक नहीं पहुंचा है। बच्चों की थाली खाली है। राशन से मिलने वाले चावल के साथ कभी कभार सब्जी तो दाल का पानी बच्चों को परोसा जा रहा है। वह भी जुगाड़ के भरोसे।
बता दें कि चावल के अलावा कुछ भी खरीदने के लिए पैसे स्कूलों और अधिकारियों के पास नहीं है। ऐसे में सही तरीके से भोजन स्कूलों में नहीं मिल रहा है। मध्यान भोजन के लिए शासन की तरफ से राशि जारी नहीं होने से स्कूलों में चावल और जुगाड़ के भरोसे सब्जी, दाल दी जा रही है। वैसे भी पहले ही रसोइयों का वेतनमान नहीं मिलने की वजह से परेशान है और कई स्कूलों में ठीक तरह से मध्यान भोजन तैयार भी नहीं होता है। ऊपर से बीते 4 महीने से राशि जारी नहीं होने की वजह से इस काम में लगे समूह जैसे तैसे भोजन तैयार कर रहे हैं।
अंदरूनी इलाकों में तो कई जगह ठीक तरह से भोजन भी परोसा नहीं जा रहा। मध्यान भोजन की पूरी रकम केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है जिसमें प्राइमरी स्तर पर मध्यान भोजन के लिए प्रति छात्र,5 रूपय.69पैसा जबकि मिडिल स्कूल में 8रुपया .75 पैसा शासन की और से दिया जाता है गौरतलब है की संभाग भर में प्राथमिक शाला 7132 वही माध्यमिक शाला 2764 की संख्या दर्ज है। बस्तर सहित सरगुजा व बिलासपुर संभाग में बजट के अभाव में तय मीनू के अनुरूप मिड डे मील मील न मिल पाने को लेकर पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है।
अमरजीत भगत ने कहा कि उनकी सरकार ने कुपोषण से लड़ाई लड़ने के लिए एक अभियान चलाया था जिससे कुपोषण के ग्राफ में कमी आई थी मगर अब बजट के अभाव में कई इलाकों में मिड डे मील बंद है तो कई इलाकों में मीनू के अनुरूप मिड डे मील बच्चों को नहीं मिल पा रहा ऐसे में कुपोषण का ग्राफ बढ़ सकता है और यह आने वाले दिनों के लिए एक खतरा बन सकता है ऐसे में पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने सरकार से इसके लिए जल्द बजट आवंटित करने की मांग की है ताकि बच्चों को मीनू के अनुरूप भोजन दिया जा सके।
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