रायपुर : Religious conversion In CG : क्या छत्तीसगढ़ की सियासत में धर्मांतरण अब एक टेस्टेड फार्मूला है पार्टी विशेष की घेराबंदी का या फिर ये प्रदेश में एक गंभीर मुद्दा है। सत्ता बदल चुकी है, विपक्ष नया है लेकिन मुद्दा वही पुराना, धार्मिक मंचों से लेकर सियासी गलियों तक धर्मांतरण पर तीखे होते स्वर बताते हैं कि 2024 के चुनाव में ये अहम मुद्दा हो सकता है। बार-बार ये सवाल उठ रहा है या उठाया जा रहा है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर हुए धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार कौन है? ज्यादातर ने दोष दिया पिछली कांग्रेस सरकार पर जिसके जवाब में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने ये कहकर ही इसके लिए आप-हम हिंदू ही सबसे बड़े जिम्मेदार हैं जो उन्हें सहेज ना पाए।
Religious conversion In CG : तो ये तय है कि इस बार 2024 आम चुनाव में छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा सियासी मुद्दा धर्मांतरण ही हो सकता है। 2023 विधानसभा चुनाव में भी बस्तर में बीजेपी ने इसे बड़ा चुनावी हथियार बनाया। जिसका लाभ भी हुआ। बीते दिनों हैदराबाद के फायर ब्रांड बीजेपी विधायकर टी राजा सिंह ने छत्तीसगढ़ में बड़े स्तर पर धर्मांतरण के लिए बीती कांग्रेस सरकार को कोसा। जिसके जवाब में कांग्रेस सरकार में संस्कृति मंत्री रहे अमरजीत भगत ने कहा कि आखिर हिंदुओं के किसी अन्य धर्म में जाने का कारण क्या होता है, हम ही लोगों को सहेजकर नहीं रख पाए। कुछ गलतियां रही होगी कि लोग अलग टूटते हैं। भगत के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने, कहा कि अमरजीत भगत को पढ़-लिखकर, समझकर बयान देना चाहिए।
वैसे धर्मांतरण पर मचे सियासी घमासान में गैर सियासी हस्तियों के बयानों की भी बाढ़ सी है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आज फिर धर्मांतरण के लिए बीती सरकार को दिशाहीन लोगों की सरकार बताते हुए कटाक्ष किया। जबकि सांसद मोहन मंडावी ने आदिवासी संस्कृति के लिए धर्मांतरण को सबसे ज्यादा खतरनाक बताया।
Religious conversion In CG : साफ है कि धर्मांतरण के लिए छत्तीसगढ़ में बीती कांग्रेस सरकार पर भाजपा लगातार प्रहार कर चौतरफा घेराबंदी में जुटी है। मुख्यमंत्री, बीजेपी नेता समेत धर्माचार्यों, कथावाचकों के बयान ये इशारा कर रहे हैं कि प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार संजीदा है, कुछ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। लेकिन कांग्रेस का दावा है कि धर्मांतरण 2024 चुनाव के लिए बीजेपी का सियासी शिगूफा मात्र है। इसपर रोक लगाने के लिए अपनी ही गलतियों को सुधारना होगा, सवाल है कांग्रेस की सफाई या तर्क में कितना दम है, क्या इस तर्क के बूते उस पर लगे आरोपों को वो काउंटर कर पाएगी?