रायपुरः छत्तीसगढ़ में RDA के बाद अब NRDA की भी वित्तीय स्थिति खराब हो गई है । विकास कार्यों के लिए NRDA ने बैंको से कर्ज लिया था। लेकिन सालों बाद भी इस कर्ज को नहीं भरा गया। जिसके चलते कर्ज के ब्याज की राशि भी बढ़ती गई। कर्ज और ब्याज की राशि जमा नहीं करने पर बैंक ने अब NRDA की संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया है।
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जिसके निर्माण के लिए NRDA ने यूनियन बैक से करीब 180 करोड़ रुपए और 200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था लेकिन 7 साल बाद भी इस कर्ज की राशि नहीं लौटाई। इतना ही नहीं बैंक के इस कर्ज पर ब्याज भी लगातार बढ़ता गया। लगभग 318 करोड़ रुपए की राशि जमा करने के लिए यूनियन बैंक ने, NRDA को 6 महीने पहले नोटिस दिया था और 60 दिन के अंदर राशि जमा करने के लिए कहा था लेकिन अब तक राशि नहीं जमा की गई। जिसके बाद यूनियन बैंक ने कयाबांधा स्थित रिटेल कॉमप्लेक्स और आसपास की जमीन को बंधक बना लिया है। इस मामले में NRDA के अधिकारियों का कहना है कि रिटेल कॉम्प्लेक्स का हिस्सा नीलाम नहीं हो सका था। लेकिन अब उसमें थोड़ी तेजी आई है। उन्हे उम्मीद है कि आने वाले समय में जल्द ही NRDA अपने स्तर पर राशि जमा करा देगा ।
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वहीं इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि कांग्रेस का छत्तीसगढ़ मॉडल गर्त में जा रहा है। वहीं कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने इसे पिछली सरकार की गलतियों का नतीजा बताया। कमल विहार की तरह नया रायपुर के प्रोजेक्ट्स ने भी रायपुर शहर को एक नई उंचाई पर पहुंचाया है लेकिन ये दोनों प्रोजेक्ट्स आज गर्त में जाते दिख रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों को चाहिए की वो किसी भी प्रोजेक्ट्स पर काम करें तो पहले उसके दूरगामी परिणाम को परख लें ताकि आगे दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
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