Reported By: priyal jindal
,Action on Hostel In Jashpur
जशपुर : Action on Hostel In Jashpur : जिला प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए अवैध रूप से संचालित छात्रावास को आज खाली करवाया। यहां अवैध तरीके से छोटे-छोटे बच्चों का हॉस्टल संचालित किया जा रहा था। इस हॉस्टल को संचालित करने की ना प्रशासन से अनुमति थी और ना ही कोई इंतजामात। फिलहाल जिला प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित हॉस्टल को बंद करवा दिया है।
Action on Hostel In Jashpur : दअरसल जशपुर एसडीएम प्रशांत कुशवाहा शहर के दीपू बगीचा में बने भवन का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्हें पता चला की यहां पर नियम विरुद्ध हॉस्टल संचालित किया जा रहा है। उनके द्वारा त्वरित कार्यवाही कर यहां पर रह रहे बच्चों का रेस्क्यू कर शासकीय छात्रावास पहुंचाया गया। एसडीएम की उपस्थित में छात्रावास भवन को लॉक कर चाबी नगर पालिका अधिकारी को सौंपी गई है। उन्होंने समाज प्रमुखों की मांग पर पूजा पाठ के लिए चाबी दिए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम ने संस्कृति कला केंद्र की जांच में पाया की यहां पर संस्कृति कला केंद्र और राजी पड़हा नाम से दो भवन निर्मित है। उक्त भवन में महामानव कार्तिक उरांव विद्यालय राजी पड़हा टिकैटगंज में संचालित स्कूल के बच्चों को होस्टल के रूप में संचालित किया जा रहा है। हॉस्टल के रूप में संचालन के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी। जांच के दौरान हॉस्टल में कई तरह की अनियमितताएं भी पाई गई।
Action on Hostel In Jashpur : एसडीएम की जांच टीम ने पाया की छात्रावास में 29 बच्चे रह रहे हैं। अभी 27 बच्चें वहां पर मौजूद थे। जिनकी उम्र लगभग 3 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक है। जांच के दौरान यह भी पाया गया की इसमें से 3 बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। जिस पर जिला प्रशासन की टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। जहां पर उनका इलाज चल रहा है। एसडीएम ने बच्चों के बेहतर इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन को निर्देश भी दिए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की चिरायु की टीम के द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जांच में 15 बच्चे कुपोषित और एक बालिका एनिमिक पाई गई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि छात्रावास के संचालकों ने नगर पालिका से परमिशन भी नहीं लिया था। यहां पर बालक-बालिकाओं को एक ही कमरे में रखा गया था संस्था में एक अनाथ बच्चा भी मिला। जांच में पाया गया की संचालन के संबंध में किसी भी विभाग से अनुमति नहीं ली गई है। छात्रावास में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन के लिए मीनू चार्ट भी नहीं था। इसके साथ ही संचालक को किस उम्र के बच्चो को क्या पोषण दिया जाना है उसकी भी जानकारी नहीं है। इसके अलावा छात्रावास में स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं किया जाता है।
Action on Hostel In Jashpur : छात्रावास में शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ भी बच्चों को नहीं दिया जा रहा है। साफ-सफाई की भी प्रयाप्त व्यवस्था नहीं है। बच्चों का नियमित रूप से टीकाकरण भी नहीं किया जा रहा है और न ही पंजी का संधारण किया गया है। छात्रावास में पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है, सार्वजनिक नल के पानी का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा छात्रावास में फायर सेफ्टी की भी व्यवस्था नहीं है। यहां पर सुरक्षा संबंधी भी कोई व्यवस्था नहीं है। जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, नगर पालिका, श्रम विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं समाज के पदाधिकारी मौजूद थे।