रायपुर : Aap Ki Baat On IBC24 : 24 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने देश का मूड और चुनाव मैदान में मुद्दा सेट कर दिया है। विपक्षी दल लाख महंगाई-बेरोजगारी-अधूरे वादों को असल मुद्दे बताकर, मोदी सरकार पर इन मुद्दों से ध्यान भटकाने-भागने के आरोप लगाए, लेकिन अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के जरिए ऐसा माहौल बना है, जिसके आगे सारे मुद्दे पीछे छूट चुके लगते हैं। संसद में 17वीं लोकसभा में बजट सेशन के आखिरी दिन राम मंदिर निर्माण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। फिर गृह मंत्री अमित शाह ने हुंकार भरते हुए विपक्ष पर तीखे कटाक्ष किए। शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में 17वीं लोकसभा सेशन के समापन सत्र में कार्यकाल की उपलब्धियों को बताया। पीएम मोदी ने भी राम मंदिर के मुद्दे पर बात रखी। सत्तापक्ष की ये रामधुन विरोधियों का कतई रास नहीं आ रही है। वो भी इस माहौल और इसके 2024 के चुनाव पर असर को भली-भांति भांप रहे हैं। तो क्या विपक्ष के सारे सियासी वार रामरथ पर सवाल बीजेपी पर बेअसर साबित हो सकते हैं, क्या वाकई 2024 में राम मंदिर से देश में बने वातावरण ने विरोधी खेमें को बेमु्द्दा कर दिया है।
Aap Ki Baat On IBC24 : भारत में छा गया है भगवा रंग का वसंत। इस वसंत में राम की लहर है । 22 जनवरी को अयोध्या ने करवट ली..त्रेता के उजाले ने 500 साल का अंधेरा मिटा दिया। राम के उजास में अब भारत पर्व का उल्लास है। कहते हैं.. समय का पहिया उल्टा नहीं घूमता..पर इस बार हमने उसे उल्टा घूमते देखा है। इस घुमाव में देश में बहुत कुछ बदला है और बदल रहा है। तीसरी विजय की तैयारी कर रही बीजेपी के लिए राम रास्ता भी है और मंजिल भी राममंदिर का बनना एक लंबी लड़ाई के बाद लिखे जीत के शिलालेख जैसा है। इस शिलालेख में भारत का वर्तमान और भविष्य दोनों मौजूद है। देश की जनता एक और विराट चुनाव के मुहाने पर है। इस बार राम की आंधी में दूसरे मुद्दे जैसे गैरजरूरी हो गए हैं। चारों दिशाओं से सेंटीमेंट का कारवां तेजी से दिल्ली की ओर कूच कर रहा है। इस कारवां में जनादेश सवार होकर आएगा या नहीं, ये सवाल अभी अनुत्तरित है पर तो ये साफ दिख रहा है कि आज की राजनीतिक प्रत्यंचा पर राम ही अस्त्र है । सत्ता के संघर्ष में राम ही शस्त्र है और 24 के कुरुक्षेत्र के बीचोबीच खड़े हैं अकेले राम ही..ये भी तय है कि इस बार की महाभारत में गीता कृष्ण नहीं राम ही रचेंगे।