नईदिल्ली: Sariya Price, घर बनाना हर किसी का सपना होता है। इसके लिए हर इंसान जी-तोड़ मेहनत करता है। आज के समय में घर बनाना एक बहुत ही महंगा काम है। कई बार तो जीवन भर की पूंजी घर बनाने में लग जाती है। ऐसे में लोग उस समय के इंतजार में रहते हैं जब बिल्डिंग मैटेरियल्स के दाम घट जाए।
अगर आप भी अपना घर बनवाने का प्लान कर रहे हैं और इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि बिल्डिंग मैटेरियल्स के दाम (Building Materials Price) घटें, तो फिर आपके लिए शानदार मौका है। दरअसल, बरसात के मौसम में सरिया के दाम (Sariya Price) तेजी से घटे हैं और दिल्ली से लेकर गोवा तक इसकी कीमत घट गई है।
House Construction में सरिया का जितना अहम रोल होता है, इस पर खर्च भी उतना ही ज्यादा होता है। बीते अगस्त में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद से ही सरिया की कीमतों में अचानक बड़ी गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में घर बनवाने की तैयारी कर रहे लोग अगर अभी Sariya मंगवा कर रखते हैं, तो इससे कंस्ट्रक्शन पर होने वाले उनके खर्च में कमी आ सकती है।
ये तरीका House Construction पर होने वाले खर्च को कम करने वाली स्ट्रेटजी के रूप में काम आ सकता है। लोग घर बनवाते समय बिल्डिंग मैटेरियल्स के दाम घटने का इंतजार करते हैं। सीमेंट, ईंट, रेत-बालू के साथ ही सरिया सबसे महंगे सौदों में शामिल होता है। ऐसे में इसकी कीमत में आने वाला उतार-चढ़ाव हाउस कंस्ट्रक्शन कॉस्ट को बढ़ाने या घटाने वाला साबित होता है।
इस साल 2024 में अब तक सरिया की कीमतों में (Sariya Rate ) बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। साल की शुरुआत में जहां इसके दाम में गिरावट आई थी, तो वहीं मई में ये फिर से महंगा हो गया था। वहीं जुलाई के अंत से Sariya Price फिर से घटते नजर आ रहे हैं। कहीं इसका दाम 100-200 रुपये प्रति टन घटा है, तो कहीं इसके भाव में 1000 से 1200 रुपये तक की गिरावट देखने को मिल रही है।
दिल्ली में सरिया (Iron Rod Price) 45,500 रुपये प्रति टन मिल रहा है। जबकि हैदराबाद में ये 43,500 रुपये प्रति टन के भाव पर बिक रहा है। जयपुर में 44,400 रुपये प्रति टन, कोलकाता में 41,800 रुपये प्रति टन और रायगढ़ (छत्तीसगढ़) में इसका दाम 41,200 रुपये प्रति टन तक पहुंच गया है।
आप अपने शहर में सरिया का लेटेस्ट प्राइस आयरनमार्ट (ayronmart.com) वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। यहां ये ध्यान रखना जरूरी है कि यहा प्रति टन के हिसाब से सरिया की कीमतें बताई जाती है और इन पर सरकार द्वारा तय 18 फीसदी की दर से जीएसटी (GST) अलग से लागू होती है।
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