नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से कारोबार बंद हैं, हवाई उड़ानें बंद हैं, रेलगाड़ियां बंद हैं और गाड़ियों की लगभग सभी तरह की आवाजाही भी रुकी हुई है। इसके चलते ईंधन की मांग घटी है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां ईंधन की मांग घट जाने से इंवेन्ट्री पर घाटे का सामना कर रही हैं।
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मांग घट जाने से उन्होंने उत्पादन में कटौती की है। आईओसी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में कुल खुदरा बिक्री 17 प्रतिशत घटी। इस दौरान डीजल की मांग में 26 प्रतिशत और पेट्रोल की मांग में 17 प्रतिशत की गिरावट हुई और विमानन ईंधन की मांग 33 प्रतिशत घट गई।
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सिर्फ रसोई गैस की मांग में तेजी देखने को मिली। बीपीसीएल और एचपीसीएल ने कहा है कि उनकी लॉकडाउन के दौरान उनकी डीजल और पेट्रोल की बिक्री में 55 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। एचपीसीएल के चेयरमैन मुकेश कुमार सुराना ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रिफाइनरी उत्पादन करीब 70 प्रतिशत तक आ गया है।
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बीपीसीएल के रिफाइनरी निदेशक आर रामचंद्रन ने कहा कि रिफाइनरी क्षमता के मुकाबले 70 प्रतिशत से कम पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ”हमारी डीजल और पेट्रोल की बिक्री 60 प्रतिशत से अधिक घट गई है और विमानन ईंधन की लगभग कोई मांग ही नहीं बची है क्योंकि सिर्फ कुछ मालवाहक विमान ही उड़ान भर रहे हैं। इन कंपनियों को मांग में कमी के चलते इंवेन्ट्री हानि होने की आशंका है।