रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कल बुधवार को नया रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिनमें एक फैसला छत्तीसगढ़ सरकार और टाटा टेक्नोलाजीस के बीच हुए एक एमओयू को लेकर भी था।
मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लेते हुए सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार की तरफ से किये गए इस समझौते को ख़त्म करने का निर्णय लिया हैं। (CG Govt-TATA MOU) सरकार की तरफ से कहा गया हैं कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था उन्नयन योजना के संबंध में टाटा टेक्नालाॅजी के साथ हुए अनुबंध को राज्य के हित में नहीं पाए जाने की स्थिति में अनुबंध को समाप्त करने का फैसला लिया हैं। इसके साथ ही एस्क्रो अकाउंट में जमा राशि 185.80 करोड़ को राज्य की कोष में जमा कराने का फैसला सरकार ने लिया हैं।
दरअसल पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार में तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास विभाग और टाटा टेक्नोलाजीस के बीच एक अनुबंध किया गया था। इसके अनुसार सरकारी आइटीआइ संस्थानों के आधुनिकीकरण के लिए लगभग 1188.36 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे। इस राशि से इन संस्थानों में आधुनिक मशीने उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। तत्कालीन सरकार का दावा था कि 36 आईटीआई के प्रशिक्षकों को छह नए ट्रेडों और 23 शार्ट टर्म कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा। टाटा टेक्नोलाजीस द्वारा इन संस्थानों में अत्याधुनिक तकनीकी वर्कशाप की स्थापना, प्रशिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। युवाओं को बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट दिलाने में टाटा और उनकी सहयोगी कंपनी सहयोग करेंगी।
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टाटा टेक्नोलॉजीस को प्रदेश के जिन आईटीआई को संवारने का जिम्मा दिया जाना था उनमे शासकीय आइटीआइ संस्थान बैकुंठपुर, ओड़गी वाड्रफनगर, मैनपाट, बगीचा, लोरमी, कोनी- बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, अकलतरा, हसौद, रायगढ़, खरसिया, राजनांदगांव, डोंगरगांव, मानपुर, छुईखदान, पण्डरिया, गुंडरदेही, दल्लीराजहरा, गुरूर, दुर्ग, पाटन, धरसींवा, हीरापुर, आरंग, अभनपुर, भाटापारा, सिमगा, बागबाहरा, पिथौरा, कांकेर, अंतागढ़, चारामा, नगरनार और दंतेवाड़ा शामिल थे।