Zomato Share Price: बजट के बाद जोमैटो की 'बल्ले-बल्ले' इस कारण से रुकने का नाम नहीं ले रहा शेयर.../Image Source: IBC24 Customized
Zomato Share Price: बजट 2025 के बाद Zomato के शेयर ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली है! निवेशकों के लिए यह किसी बंपर बोनस से कम नहीं, क्योंकि 1 फरवरी 2025 को 220.35 रुपये पर खुलने के बाद यह शेयर लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है। बजट पेश होते ही शेयर बाजार में हलचल मच गई, और Zomato जैसी कंजम्प्शन आधारित कंपनियों को तगड़ा बूस्ट मिला।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलानों ने मध्यम वर्ग को राहत दी, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ी। टैक्स छूट, वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त कर राहत, किसानों को बड़ा लोन, और कंजम्प्शन-फ्रेंडली घोषणाओं ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेक्टर को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। इसका नतीजा? Zomato के शेयर में जबरदस्त उछाल! क्या ये तेजी आगे भी जारी रहेगी? क्या यह निवेशकों के लिए एक सुनहरा मौका है? आइए विस्तार से जानते हैं कि Zomato के इस शानदार प्रदर्शन के पीछे कौन-कौन से बड़े कारण छिपे हैं।
सरकार ने 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स न लेने का ऐलान किया है। इससे मध्यम वर्ग के लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। फूड डिलीवरी सेक्टर में यह सीधा असर डाल सकता है, जिससे Zomato जैसी कंपनियों की ग्रोथ होगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर कटौती की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे अधिक खर्च करने में सक्षम होंगे। यह ट्रेंड Zomato जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म को फायदा पहुंचा सकता है।
किसानों को राहत देते हुए KCC लोन की सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च बढ़ेगा। बढ़ती क्रय शक्ति से ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग का दायरा भी बढ़ सकता है।
मोबाइल फोन, स्मार्ट टीवी, कपड़े, लिथियम बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी आने की संभावना जताई गई है। इससे डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन शॉपिंग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे Zomato जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को फायदा होगा।
अगर यही ट्रेंड जारी रहता है, तो आने वाले दिनों में Zomato के शेयर और ऊपर जा सकते हैं। हालांकि, निवेशकों को किसी भी निर्णय से पहले पूरी रिसर्च करनी चाहिए।
नोट:-शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।